Defamation: अदालत ने हरीश खुराना के खिलाफ सिसोदिया के मानहानि मामले की कार्यवाही में दिया ये निर्णय

डीएन ब्यूरो

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी हरीश खुराना तथा अन्य के खिलाफ दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से दर्ज कराए गए मानहानि के मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर शुक्रवार को रोक लगा दी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली उच्च न्यायालय
दिल्ली उच्च न्यायालय


नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी हरीश खुराना तथा अन्य के खिलाफ दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से दर्ज कराए गए मानहानि के मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर शुक्रवार को रोक लगा दी।

सिसोदिया ने खुराना सहित छह लोगों पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने पर मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने नोटिस जारी किया और निचली अदालत के 28 नवंबर 2019 के फैसले को चुनौती देने वाली खुराना की याचिका पर सिसोदिया से जवाब मांगा। मानहानि के मामले में उन्हें आरोपी के तौर पर तलब किया गया था।

उच्च न्यायालय ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की अर्जी पर भी आम आदमी पार्टी के नेता सिसोदिया को नोटिस जारी किया।

अदालत ने कहा, ‘‘ नोटिस जारी करे। प्रतिवादी को याचिका तथा रोक अर्जी पर जवाब दाखिल करना चाहिए। इसबीच वर्तमान याचिकाकर्ता (खुराना) के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाई जाए।’’

अदालत ने मामले को 10 मार्च को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। मामले के सह-आरोपी भाजपा नेताओं हंस राज हंस और मनजिंदर सिंह सिरसा की याचिकाएं भी उसी दिन के लिए सूचीबद्ध हैं।

इससे पहले पांच दिसंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले में हंस राज हंस और मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ दायर मानहानि के एक मामले में निचली अदालत में जारी कार्यवाही पर रोक लगा दी थी ।

सिसोदिया ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों की कक्षाओं के संबंध में कथित रूप से उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिए भाजपा नेताओं- सांसद मनोज तिवारी, हंस राज हंस, प्रवेश वर्मा, विधायक- मनजिंदर सिंह सिरसा, विजेंद्र गुप्ता और पार्टी प्रवक्ता हरीश खुराना के खिलाफ शिकायत दी थी।

सिसोदिया ने कहा था कि भाजपा नेताओं द्वारा संयुक्त रूप से या व्यक्तिगत रूप से लगाए गए आरोप गलत और अपमानजनक हैं। उन्होंने कहा था कि ये आरोप उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाए गए थे।

मानहानि मामले के दोषी को अधिकतम दो साल की सजा हो सकती है।

भाषा शोभना पवनेश

पवनेश










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