भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किये जाने के खिलाफ विजय माल्या की याचिका को न्यायालय ने खारिज किया

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को संकटग्रस्त कारोबारी विजय माल्या की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने मुंबई की एक अदालत में उन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किये जाने और उनकी संपत्तियों को जब्त करने की कार्यवाही को चुनौती दी थी।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 3 March 2023, 4:13 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली:उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को संकटग्रस्त कारोबारी विजय माल्या की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने मुंबई की एक अदालत में उन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किये जाने और उनकी संपत्तियों को जब्त करने की कार्यवाही को चुनौती दी थी।

माल्या का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया कि उन्हें इस मामले में अपने मुवक्किल से कोई निर्देश नहीं मिल रहा है, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने मुकदमा न चलाने की याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि याचिकाकर्ता उन्हें कोई निर्देश नहीं दे रहा है। इस बयान के मद्देनजर, मुकदमा न चलाने संबंधी याचिका खारिज की जाती है।’’

शीर्ष अदालत ने माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत भगोड़ा घोषित करने को लेकर मुंबई में विशेष धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष प्रवर्तन निदेशालय की याचिका की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

इससे पहले शीर्ष अदालत ने सात दिसंबर, 2018 को माल्या की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया था।

मुंबई की विशेष अदालत ने पांच जनवरी, 2019 को अधिनियम के तहत माल्या को 'भगोड़ा' घोषित किया था।

अधिनियम के प्रावधानों के तहत, एक बार किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए जाने के बाद, अभियोजन एजेंसी के पास उसकी संपत्ति को जब्त करने की शक्तियां होती हैं।

मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गया माल्या 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में भारत में वांछित है। कई बैंकों ने बतौर ऋण किंगफिशर एयरलाइंस (केएफए) को यह राशि दी थी।

शीर्ष अदालत ने एक अलग मामले में 11 जुलाई, 2022 को, माल्या को अदालत की अवमानना ​​के लिए चार महीने की जेल की सजा सुनाई थी और केंद्र को भगोड़े व्यवसायी की मौजूदगी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था, ताकि भगोड़ा कारोबारी सजा भुगत सके।

 

Published : 

No related posts found.