भू-राजनीति में हो रहा है बदलाव, सेना अकेले युद्ध नहीं जीत सकती: लेफ्टिनेंट जनरल कालिता

पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कालिता ने मंगलवार को कहा कि भू-राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव हो रहा है, ऐसे में आम समाज के सहयोग के बिना सशस्त्र बल कोई भावी युद्ध अकेले नहीं जीत सकते हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 21 November 2023, 5:39 PM IST
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गुवाहाटी: पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कालिता ने मंगलवार को कहा कि भू-राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव हो रहा है, ऐसे में आम समाज के सहयोग के बिना सशस्त्र बल कोई भावी युद्ध अकेले नहीं जीत सकते हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार गुवाहाटी प्रेस क्लब को अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कालिता ने कहा कि इस ‘बदलाव’ ने भारतीय सेना पर भी असर डाला है जो अपने पांच स्तंभों में बड़े बदलाव से गुजर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘ रूस-यूक्रेन युद्ध चल रहा है, इजराइल हमास लड़ाई भी चल रही है। हमारे आसपास भी काफी अस्थिरता है। इसलिए पूरी भू-राजनीति बदल रही है। एक बदलाव है जो हो रहा है। और यह न केवल हमारे देश पर बल्कि सशस्त्र बलों पर भी असर डालता है।’’

पूर्वी सैन्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग- इन चीफ ने कहा कि चूंकि चारों ओर परिवर्तन हो रहा है, प्रौद्योगिकी विकास हो रहा है, ऐसे में यह युद्धकौशल पर भी असर डाल रहा है।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसलिए, युद्ध लड़ने की प्रविधि भी बदल रही है। यही कारण है कि 2023 की भारतीय सेना ने बदलाव के साल के रूप में पहचान की है। ये पांच मुख्य स्तंभों पर आधारित हैं।’’

कालिता ने कहा कि ये पांच स्तंभ पुनर्गठन एवं इष्टतम, आधुनिकीकरण एवं प्रौद्योगिकी समावेशन, प्रक्रिया एवं कार्य, मानव संसाधन प्रबंधन एवं संयुक्त एवं समेकीकरण हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ केवल सशस्त्र बल ही किसी भावी लड़ाई को नहीं जीत सकते है। यह संपूर्ण राष्ट्र का प्रयास है। संपूर्ण राष्ट्र के हर वर्ग को भावी लड़ाइयों में भाग लेना होगा जो हाल के इजराइल-हमास लड़ाई और रूस-यूक्रेन युद्ध से साबित हो गया है।’’

कालिता ने कहा कि वर्तमान दौर के युद्ध में समाज का कोई वर्ग अकेला छूटा नहीं रह सकता है और यह नागरिक-सैन्य समन्वय के महत्व को सामने लाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें सुरक्षा आवश्यकताओं का देश की सामाजिक-राजनीतिक एवं सामाजिक-आर्थिक जरूरतों के साथ तादात्म्य स्थापित करने की जरूरत है। यही कारण है कि हमें सभी क्षेत्रों के बीच समन्वय कायम करने की आवश्यकता है।’’

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