सीबीआई ने वाप्कोस के पूर्व प्रमुख के परिसरों से बैंक खातों व एफडी से संबंधित दस्तावेज बरामद किए

डीएन ब्यूरो

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सार्वजनिक उपक्रम ‘वाप्कोस’ के पूर्व प्रबंधक निदेशक (सीएमडी) आर.के. गुप्ता के परिसरों से 90 बैंक खातों और सावधि जमा (एफडी) से संबंधित दस्तावेज बरामद किए हैं। गुप्ता के परिसरों से 38.70 करोड़ रुपये नकद मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो


नयी दिल्ली:केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सार्वजनिक उपक्रम ‘वाप्कोस’ के पूर्व प्रबंधक निदेशक (सीएमडी) आर.के. गुप्ता के परिसरों से 90 बैंक खातों और सावधि जमा (एफडी) से संबंधित दस्तावेज बरामद किए हैं। गुप्ता के परिसरों से 38.70 करोड़ रुपये नकद मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि सावधि जमा का मूल्य करीब साढ़े पांच करोड़ रुपये है तथा अन्य खातों की जांच की जा रही है।

गुप्ता के परिसरों से बरामद राशि और संपत्ति के दस्तावेजों की जांच सीबीआई के कार्यालय में जारी है।

अधिकारियों ने कहा कि जांच में अबतक कम से कम 15 संपत्तियों के दस्तावेज सामने आए हैं जिनमें एक फार्महाउस भी शामिल है और इसकी मौजूदा बाजार कीमत करीब 12 करोड़ रुपये है।

उन्होंने बताया कि एजेंसी की तलाशी के दौरान तीन महंगी लग्जरी कारें, करोड़ों रुपये कीमत के आभूषण, सोने के 17 सिक्के और छड़ें भी मिली हैं।

सीबीआई ने 7.91 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति मामले में दो मई को तलाशी ली थी, जिस दौरान उन्हें गुप्ता के आवास में उनके शयनकक्षों की अलमारियों में सूटकेस में रखे 2000 और 500 रुपये के नोटों की गड्डियां मिली थीं।

एजेंसी ने गुप्ता और उनके बेटे के परिसरों से 38.70 करोड़ रुपये नकद मिलने के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया था।

अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी की टीम को गुप्ता के तीन परिसरों से बड़ी मात्रा में नकदी मिली। उन्होंने कहा कि पीतमपुरा और गुरुग्राम में गुप्ता के आवासों से 13-13 करोड़ रुपये, जबकि गुप्ता के बेटे सिंघल के चंडीगढ़ स्थित आवास पर 11 करोड़ रुपये मिले। सिंघल एक प्रमुख कार निर्माण कंपनी में कार्यरत है, जबकि गुप्ता वर्ष 2010-20 के दौरान वाप्कोस के प्रमुख थे।

‘वाप्कोस’ जल शक्ति मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाला केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। इसे पहले ‘वाटर एंड पावर कंसल्टेंसी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड’ के रूप में जाना जाता था।

 










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