Manish Sisodia: मनीष सिसोदिया को कोर्ट ने 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेजा, जानिये ये बड़े अपेडट
सीबीआई ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी घोटाला मामले में शहर की एक अदालत में पेश किया। कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामले में कल गिरफ्तार किये गये दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने अदालत में पेश किया। कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 4 मार्च तक के लिये सीबीआई रिमांड पर भेज दिया। यानी मनीष सिसोदिया 5 दिन तक सीबीआई रिमांड में रहेंगे, जहां उनसे पूछताछ की जायेगी।
Delhi's Rouse Avenue Court sends Delhi Deputy CM Manish Sisodia to 5-day of CBI remand till March 4
— Dynamite News (@DynamiteNews_) February 27, 2023
इससे पहले सीबीआई ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार सिसोदिया को पांच दिन के लिए हिरासत में सौंपने की मांग की थी।
अदालत में मनीष सिसोदिया के वकीलों ने उनकी गिरफ्तारी का विरोध किया है। अदालत में मनीष सिसोदिया के वकील और सीबीआई के बीच जोरदार जिरह हुई।
अदालत में एक घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के दौरान, सिसोदिया के वकील ने कहा कि (तत्कालीन) उपराज्यपाल ने आबकारी नीति में बदलावों को मंजूरी दी थी, लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी निर्वाचित सरकार के पीछे पड़ी हुई है।
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सिसोदिया ने दावा किया कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उनकी रिमांड के लिए सीबीआई के अनुरोध का विरोध किया।
सिसोदिया के वकील ने उनका पक्ष रखते हुए अदालत से कहा, ‘‘मैं वित्त मंत्री हूं। मुझे बजट पेश करना है...कल ऐसा क्या बदल गया कि वित्त मंत्री को हिरासत में रखना है? क्या वह आगे उपलब्ध नहीं रहेंगे? या यह गिरफ्तारी छिपे हुए मकसद को लेकर की गई? यह मामला एक व्यक्ति और संस्था पर हमला है।’’
उन्होंने कहा,‘‘यह रिमांड से इनकार करने का एक उपयुक्त मामला है।’’
उन्होंने दलील दी कि सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के सदस्य के तौर पर कार्य किया और इसलिए फैसले के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, ना ही उस फैसले पर सवाल उठाया जा सकता है।
वहीं, जांच एजेंसी के वकील ने दलील दी कि गिरफ्तार किये गये उपमुख्यमंत्री को हिरासत में रख कर मामले में पूछताछ करने की जरूरत है।
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सीबीआई ने कहा कि सिसोदिया ने दावा किया है कि मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है, लेकिन जांच से यह पता चला कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से फैसले लिये थे।
सिसोदिया के वकील ने हिरासत में सौंपने संबंधी जांच एजेंसी के अनुरोध का विरोध करते हुए दलील दी कि सीबीआई ने कहा है कि उन्होंने अपने मोबाइल फोन बदले थे, लेकिन यह अपराध नहीं है।
वकील ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल से सुझाव लेने के बाद नीति लागू की गई थी और चूंकि इसके लिए परामर्श की जरूरत थी, इसलिए साजिश की कोई गुंजाइश नहीं थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हर चीज खुली रखने की कोशिश की।’’
इससे पहले, सीबीआई सिसोदिया को कड़ी सुरक्षा के बीच राउज एवेन्यू अदालत लेकर आयी । अदालत परिसर के अंदर और बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था।