ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने ग्रांट शाप्स को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

डीएन ब्यूरो

ब्रिटिश मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के सबसे प्रबल समर्थकों में से एक ग्रांट शाप्स को बृहस्पतिवार को ब्रिटेन का नया रक्षा मंत्री नामित किया गया। इसके साथ ही सुनक ने अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले मंत्रिमंडल में मामूली फेरबदल किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

ऋषि सुनक ने ग्रांट शाप्स को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
ऋषि सुनक ने ग्रांट शाप्स को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी


लंदन: ब्रिटिश मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के सबसे प्रबल समर्थकों में से एक ग्रांट शाप्स को बृहस्पतिवार को ब्रिटेन का नया रक्षा मंत्री नामित किया गया। इसके साथ ही सुनक ने अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले मंत्रिमंडल में मामूली फेरबदल किया।

इससे पहले दिन में बेन वालेस ने औपचारिक रूप से रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पिछले महीने ही इस्तीफा देने की अपनी योजना की घोषणा की थी। वह चार साल तक इस पद पर रहे और इस दौरान उन्होंने यूक्रेन में युद्ध के लिए सैन्य प्रतिक्रिया की कमान भी संभाली थी।

पिछले साल कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद के लिए सुनक के अभियान के दौरान उनका समर्थन करने वाले शाप्स 2019 से मंत्रिमंडल के सदस्य हैं। वह हाल ही में ऊर्जा सुरक्षा और नेट जीरो विभाग के लिए मंत्री के तौर पर कार्यरत थे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रक्षा मंत्री का नया पद एक वर्ष के भीतर मंत्री के तौर पर उनका पांचवां पद होगा, वे पहले परिवहन मंत्री और कुछ समय के लिए गृह मंत्री के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।

प्रधानमंत्री के साथ 10 डाउनिंग स्ट्रीट में मुलाकात के बाद 54 वर्षीय शाप्स ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “ऋषि सुनक द्वारा रक्षा मंत्री नियुक्त किये जाने पर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं पिछले चार वर्षों में ब्रिटेन की रक्षा और वैश्विक सुरक्षा में बेन वालेस द्वारा दिए गए जबरदस्त योगदान की सराहना करना चाहता हूं।”

सुनक के एक अन्य सहयोगी और भारतीय मूल के कनिष्ठ मंत्री, क्लेयर कॉटिन्हो, ऊर्जा सुरक्षा और नेट ज़ीरो विभाग में शाप्स की जगह लेने की दौड़ में शामिल हैं।

वालेस ने अपना त्यागपत्र देते हुए सुनक को भेजे गए पत्र में कहा, “मेरा सचमुच मानना है कि अगले दशक में दुनिया अधिक असुरक्षित और अधिक अस्थिर हो जाएगी।”

उन्होंने इसमें कहा, “हम दोनों का यह मानना है कि अब निवेश करने का समय आ गया है। जब से मैं सेना में शामिल हुआ तब से मैंने खुद को अपने देश की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है। हालांकि, इस समर्पण का मुझे और मेरे परिवार को खामियाजा भुगतना पड़ा है।”










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