Bihar Politics: क्या बीजेपी को गच्चा देकर बिहार के सीएम बने रहेंगे नीतीश? चर्चाओं का बाजार गरमाया

डीएन ब्यूरो

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब चार साल बाद कल राबड़ी देवी और लालू यादव के घर इफ्तार पार्टी में पहुंचे तो राज्य की राजनीति को लेकर कई तरह अटकलें शुरू हो गई। सवाल है कि क्या बीजेपी को गच्चा देकर बिहार के सीएम बने रहेंगे नीतीश? पढ़े डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



पटना/नई दिल्ली: बिहार की सियासत को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं जोर पकड़ती जा रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब कल शुक्रवार को चार साल बाद राबड़ी देवी और लालू यादव के घर इफ्तार पार्टी में पहुंचे तो राज्य की राजनीति को लेकर कई तरह अटकलें लगनी शुरू हो गई। सियासी अटकलें लाजमी भी थी, क्योंकि इस इफ्तार पार्टी का आयोजन बिहार में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा किया गया। आरजेडी ने साफ कहा कि दावत-ए-इफ्तार में नीतिश का आना बिहार की जनता के लिये बड़ा संदेश है। यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि क्या नीतिश कुमार भाजपा को गच्चा देकर बिहार के सीएम बने रहना चाहते हैं?

सीएम नीतीश कुमार शुक्रवार को तेजस्वी की इफ्तार पार्टी में पहुंचे राबड़ी देवी के घर

बिहार के सीएम नीतीश द्वारा लगभग चार साल बाद उठाये गये इस कदम ने बिहार की सियासत को समझने पर मजबूर कर दिया है। लालू यादव और तेजस्वी यादव कभी नीतीश कुमार का स्वागत करेंगे, ये कल्पना किसी ने नहीं की थी। इसमें भी कोई शक नहीं की दावत-ए-इफ्तार के नाम पर नीतीश का यह एक बड़ा राजनीतिक संदेश भी था। नीतीश जानते हैं कि यह उनका आखिरी कार्यकाल है। यदि वे अगले विधानसभा चुनाव जीते भी तो 2025 में सीएम की गद्दी पर कोई भाजपाई ही बैठेगा।  

भविष्य की सियासी कशमकश से गुजर रहे नीतीश कुमार अंदरखाने जानते हैं कि वे भले ही बिहार के सीएम हों लेकिन गंठबंधन होने के कारण भाजपा का उनपर पूरा नियंत्रण है। बिहार की राजनीति में उनकी जनता दल यूनाईटेड सबसे छोटी पार्टी बन कर रह गई है और भाजपा बतौप पार्टी यहां भी उन पर हावी है। भाजपा के दो उप मुख्यमंत्री भी उनके लिये ऐसे में बोझ माने जा सकते हैं।

माना जा रहा है कि भविष्य की सियासी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए नीतीश ने तेजस्वी का आमंत्रण स्वीकार किया और इफ्तार पार्टी का हिस्सा बने। इससे नीतीश ने भाजपा को भी साफ संकेत दे दिये हैं कि जरूरत और मौके के हिसाब से वे तेजस्वी और उनकी पार्टी आरजेडी से हाथ मिलाने में कोई संकोच नहीं करेंगे।










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