Site icon Hindi Dynamite News

नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड मामले को लेकर बड़ी खबर, जानें ताजा अपडेट

बंबई उच्च न्यायालय ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक नरेंद्र दाभोलकर की 2013 में हुई हत्या के मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही जांच की अदालती निगरानी को मंगलवार को बंद कर दिया।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड मामले को लेकर बड़ी खबर, जानें ताजा अपडेट

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक नरेंद्र दाभोलकर की 2013 में हुई हत्या के मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही जांच की अदालती निगरानी को मंगलवार को बंद कर दिया।

न्यायमूर्ति ए. एस. गडकरी और न्यायमूर्ति पी. डी. नाइक की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि सीबीआई के जांच अधिकारी एजेंसी के मुख्यालय में जांच पूरी होने की रिपोर्ट दाखिल कर चुके हैं।

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि वर्तमान अपराध की जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और मुकदमे की सुनवाई निरंतर आगे बढ़ रही है। मार्च 2023 तक अभियोजन पक्ष ने पहले ही 18 गवाहों के बयान दर्ज कर लिए हैं।’’

नरेंद्र दाभोलकर 20 अगस्त 2013 को सुबह सैर पर निकले थे, जब पुणे के ओंकारेश्वर पुल पर दो मोटरसाइकिल सवारों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमलावर कथित तौर पर कट्टरपंथी संगठन सनातन संस्था से जुड़े थे। दाभोलकर तब 67 वर्ष के थे।

मामले की जांच 2014 में सीबीआई को सौंपी गई थी, तब से उच्च न्यायालय इसकी निगरानी कर रहा है। समय-समय पर एजेंसी अदालत को रिपोर्ट सौंपती थी।

उच्च न्यायालय ने नरेंद्र दाभोलकर की बेटी मुक्ता दाभोलकर द्वारा अदालत की निगरानी जारी रखने की मांग वाली याचिका का निस्तारण करते हुए मंगलवार को कहा कि जांच की और निगरानी किए जाने की जरूरत नहीं है।

सीबीआई ने इस साल जनवरी में अदालत को बताया था कि उसने हत्या की जांच पूरी कर ली है और जांच अधिकारी ने सक्षम अधिकारी को ‘क्लोजर रिपोर्ट’ (अंतिम रिपोर्ट) सौंप दी है।

मामले की 2014 से जांच कर रही सीबीआई ने आरोप पत्र में पांच लोगों को आरोपी बनाया है। इन आरोपियों के खिलाफ पुणे की सत्र अदालत में सुनवाई जारी है।

उच्च न्यायालय ने सामाजिक कार्यकर्ता केतन तिरोडकर और बाद में मुक्ता दाभोलकर की एक याचिका पर विचार करते हुए 2014 में जांच को पुणे पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया था। तब से उच्च न्यायालय मामले की जांच में हुई की प्रगति की निगरानी कर रहा था।

Exit mobile version