शहरों में अधिक फल-सब्जी उत्पादन की कुंजी हैं मधुमक्खियां और मक्खियां, पढ़ें शोध रिपोर्ट
ब्रिटेन के 12 लाख उन लोगों को किफायती कीमत पर फल और सब्जियां उपलब्ध कराना एक महत्वपूर्ण चुनौती है जो ऐसे इलाके में रहते हैं जिसे ‘खाद्य रेगिस्तान’ कहा जाता है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
लंदन: ब्रिटेन के 12 लाख उन लोगों को किफायती कीमत पर फल और सब्जियां उपलब्ध कराना एक महत्वपूर्ण चुनौती है जो ऐसे इलाके में रहते हैं जिसे ‘खाद्य रेगिस्तान’ कहा जाता है।
इन इलाकों के लोगों को पड़ोस या घर से थोड़ी दूरी पर ताजे खाद्य पदार्थ उपलब्ध नहीं होते, बल्कि इन्हें खरीदारी के लिए अपने पसंद के स्टोर का चयन करना पड़ता है जहां शायद ही कभी ताजा खाद्य पदार्थ मिलता है।
इसके अलावा लोगों को अपने खाद्य पदार्थ के बजट का कुछ हिस्सा परिवहन पर खर्च करना पड़ता है।
लेकिन एक समाधान है। शहरों में फल और सब्जियां उगाना कई शहरी निवासियों को ताजा फल-सब्जियां उपलब्ध कराने का एक प्रभावी और टिकाऊ तरीका है।
ब्रिटेन में शहरी भूमि आवंटन पर प्रकाशित एक नई शोध रिपोर्ट में मेरे सहयोगी और मैंने पाया कि अपने शहरों में कीटों की विविधता को बरकरार रखना इस तरह के उत्पादन का एक अहम हिस्सा है।
हमने पाया कि अधिकांश फसलों पर कई तरह के कीट पहुंचते हैं। परागण के लिहाज से भौंरे और मक्खियां सबसे महत्वपूर्ण हैं। लेकिन हमने यह भी पाया कि कुछ फसलें जैसे कि स्ट्रॉबेरी गुणवत्तापूर्ण फसल पैदा करने के लिए पर्याप्त परागण करने वाले कीटों को आकर्षित करने के लिए संघर्ष करती है।
दुनियाभार में खेती योग्य कुल भूमि में से छह फीसदी भूमि शहरी क्षेत्र में है, इसलिए पर्याप्त मात्रा में ताजा खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने की पूरी संभावना है।
कई अन्य अध्ययनों (जिनमें शहरी उत्पादकों द्वारा एकत्र किये गये डाटा पर आधारित अध्ययन भी शामिल हैं) में दिखाया गया है कि छोटे आकार की शहरी कृषि भूमि (कम्युनिटी या मार्केट गार्डन को आवंटित दो हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल की भूमि) की उत्पादकता परंपरागत ग्रामीण कृषि भूमि (खेत) की उत्पादकता की बराबरी कर सकती है।
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लेकिन शहरों में भी इंसान, खाद्य फसलों में परागण के लिए जानवरों और कीटों पर निर्भर है। असल में दुनियाभर की तीन चौथाई अग्रणी खाद्य फसलें परागण के लिए कीटों पर निर्भर करती हैं।
फसलों में परागण
मधुमक्खियां, मक्खियां, तितलियां और ततैये आदि फूलों से पराग और रस एकत्र करते हैं और इस प्रक्रिया में वे फूल को निषेचित करते हैं, जिससे फूल, फल या सब्जियों का विकास होता है।
हमारे अध्ययन में इंग्लैंड के दक्षिण में ब्राइटन एंड होव शहर में आवंटित भूमि में किये गये 1,000 से अधिक सर्वेक्षण शामिल थे।
हमने पाया कि सेब समेत फलों के पेड़ों और रसभरी तथा ब्लैकबेरी जैसी झाड़ियों पर बैठना कीट ज्यादा पसंद करते हैं।
हालांकि, भौंरा सबसे अधिक तरह की फसलों पर बैठता है जिसमें फल, पेड़, बीन्स, कद्दू और टमाटर आदि शामिल हैं। इसी तरह फलों के बागान में परागण के लिहाज से मधुमक्खियां सबसे अहम हैं।
हमने अपने अध्ययन में पाया कि फलों के पेड़ों पर सबसे अधिक होवर मक्खियां बैठती हैं। हमारे अध्ययन का यह निष्कर्ष वर्ष 2020 के शोध के परिणाम से मेल खाता है जो बताता है कि मधुमक्खियों के बाद मक्खियां दूसरी सबसे महत्वपूर्ण फसल परागणकर्ता हैं।
स्ट्रॉबेरी को सहयोग की जरूरत
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हमने यह जानने के लिए भी प्रयोग किया कि शहरी भूमि में लगाए गये स्ट्रॉबेरी के पौधे पर पर्याप्त संख्या में कीट पहुंचकर इन पौधों में परागण करते हैं या नहीं। हमने स्ट्रॉबेरी के पौधों को दो समूहों में बांटा और एक समूह के पौधों में हाथ से परागण किया गया और दूसरे समूह के पौधों में कीटों के जरिये परागण कराया गया।
हमने पाया कि जिन पौधों में परागण प्राकृतिक रूप से कीटों द्वारा हुआ उनसे दूसरे समूह के मुकाबले निम्न गुणवत्ता के फल का उत्पादन हुआ। यह निष्कर्ष दिखाता हैकि हमें शहरों में कुछ फसलों में कीट परागण की गुणवत्ता में सुधार करने की जरूरत है।
शहरों के लिए भोजन
कीटों के लिए भोजन की उपलब्धता में वृद्धि करके और उनके वास के स्थान को बढ़ाकर शहरों में फसल परागण में सुधार किया जा सकता है। वर्ष 2020 के एक अलग अध्ययन जिसका कि मैं सह-लेखक था, ने प्रदर्शित किया कि बोरेज, आवंटित भूमि और बगीचों में फसलों के साथ-साथ बोरेज जैसे बहुत सारे पराग और रस पैदा करने वाले फूल के पौधे लगाने से खाद्य उत्पादन की मात्रा में वृद्धि हो सकती है।
हमने पाया कि बोरेज (नीले फूलों और रोयेदार पत्तियों वाला एक पौधा)पौधों के पास लगे स्ट्रॉबेरी के पौधों से फल उत्पादन अधिक और उत्तम गुणवत्ता वाला था।
हमारा अध्ययन एक अंतदृष्टि प्रदान करता है कि शहरों में सब्जियों और फलों का उत्पादन बढ़ाने में किस तरह खास परागणकर्ताओं की हमें जरूरत होती है।