Arvind Kejriwal: केजरीवाल ने ईडी को दिखाया ठेंगा, जानिए समन के बारे में क्या बतायी बड़ी बात!

डीएन ब्यूरो

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा चौथी बार समन भेजे जाने के बाद भी केंद्रीय एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा चौथी बार समन (Summon) भेजे जाने के बाद भी केंद्रीय एजेंसी के समक्ष पेश (Present) नहीं हुए।

मुख्यमंत्री ने ईडी द्वारा उन्हें तलब (Demand) किए जाने को ‘‘गैरकानूनी’’ करार देते हुए दावा किया कि यह उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने के लिए रची गई एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है।

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समन के जवाब में, केजरीवाल ने कहा कि वह दिल्ली के लिए बजट की तैयारियों में व्यस्त हैं। 15 फरवरी से शुरू होने वाले सत्र में दिल्ली का बजट विधानसभा में पेश किया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, उन्होंने ईडी पर अपने पत्र में ‘‘अपमानजनक भाषा’’ का उपयोग करने का भी आरोप लगाया और कहा कि यह ‘‘मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद के प्रति आपके (ईडी) अनादर और मामले में आपके पूर्व निर्धारित इरादे को प्रदर्शित करता है।’’

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार सूत्रों ने बताया कि इससे पहले दिन में, केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के शिक्षा उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में भाग लिया और फिर लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्ट (Aam Aadmi Party) (आप) की तैयारियों का जायजा लेने के लिए अपने तय कार्यक्रम के अनुसार गोवा (Goa) के लिए रवाना हो गए।

समारोह से इतर समन से जुड़े सवाल पर केजरीवाल ने आरोप लगाया कि अप्रैल-मई में संभावित लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें गिरफ्तार करने के लिए समन जारी किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते सप्ताह ईडी ने उन्हें चौथी बार समन जारी किया और 18 या 19 जनवरी को एजेंसी के सामने पेश होने को कहा था।

उन्होंने दावा किया, ‘‘ईडी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (BJP) चला रही है। उनका एकमात्र मकसद मुझे गिरफ्तार (Arrest) करना है ताकि मैं आगामी लोकसभा चुनाव में प्रचार नहीं कर सकूं।’’

केजरीवाल ने बताया कि उन्होंने अपना जवाब केंद्रीय एजेंसी को भेज दिया है।

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उन्होंने कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे भेजे गए चारों समन कानून की नजर में गैरकानूनी हैं। ऐसे गैर-विशिष्ट समन को अतीत में अदालतों द्वारा रद्द कर दिया गया है। मैंने बार-बार ईडी को पत्र लिखकर कहा कि यह समन अवैध हैं लेकिन उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया।''

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि ये नोटिस ‘‘राजनीतिक साजिश’’ के तहत उन्हें भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शराब नीति (liquor Policy) मामले में दो साल से जांच चल रही है लेकिन अभी तक कुछ नहीं मिला।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लोगों के साथ मारपीट कर उनसे गलत बयान दिलवाए जा रहे हैं।’’

आम आदमी पार्टी सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने से इनकार कर दिया क्योंकि उन्होंने 12 जनवरी को चौथे समन के साथ जारी जांच एजेंसी के पत्र को ‘‘मनमाना, दुर्भावनापूर्ण और अवैध’’ पाया।

सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में आरोप लगाया है कि ईडी उन्हें भाजपा के इशारे पर ‘‘किसी विशेष जांच या कोई बयान दर्ज करने के लिए नहीं बल्कि उन्हें उनके संवैधानिक और वैधानिक कर्तव्यों के निर्वहन और आगामी लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने के लिए गिरफ्तार करने के वास्ते’’ समन भेज रही है।

पिछले हफ्ते ईडी द्वारा चौथे समन और उसके साथ भेजे गए पत्र का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा कि ईडी का समन ‘‘विरोधाभासों, गलत तथ्यों और अस्पष्टता’’ से भरा है।

अपने जवाब में केजरीवाल ने दोहराया कि ईडी ने अभी तक यह नहीं बताया है कि उन्हें आरोपी के तौर पर बुलाया जा रहा है या गवाह के तौर पर। सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने केजरीवाल को भेजे अपने समन में उन पर इसे मीडिया में लीक करने का आरोप लगाया है।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि एजेंसी ने समन मीडिया और भाजपा को लीक किए हैं। सूत्र ने केजरीवाल के जवाब का हवाला देते हुए कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि समन का उद्देश्य जांच नहीं बल्कि मेरी छवि खराब करना और मुझे राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाना है।’’

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने अपने जवाब में कहा कि वह हमेशा कानून का पालन करने वाले नागरिक रहे हैं और उन्होंने पिछले साल 16 अप्रैल को सीबीआई कार्यालय पहुंचने का जिक्र किया है।

केजरीवाल ने उन नेताओं के नामों का भी हवाला दिया और दावा किया कि संबंधित नेताओं के खिलाफ विभिन्न मामलों में ईडी द्वारा जांच की जा रही थी, लेकिन उनके भाजपा में शामिल होने के बाद उनके खिलाफ जांच (Investigation) बंद कर दी गई।










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