भारत से ये आग्रह करता रहेगा अमेरिका, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने सोमवार को कहा कि वह भारत से अपने मानवाधिकार दायित्वों और प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने के लिए दृढ़ता से आग्रह करना जारी रखेगा।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

(फाइल फोटो )
(फाइल फोटो )


वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने सोमवार को कहा कि वह भारत से अपने मानवाधिकार दायित्वों और प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने के लिए दृढ़ता से आग्रह करना जारी रखेगा।

बाइडन प्रशासन ने सोमवार को ‘2022 कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिस’ जारी करते हुए यह बात कही।

रिपोर्ट में दावा किया गया कि पिछले साल भारत में कथित गैरकानूनी और हत्याओं, प्रेस की स्वतंत्रता के समक्ष चुनौती, निजता में हस्तक्षेप और धार्मिक तथा जातीय अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाली हिंसा सहित मानवाधिकारों के उल्लंघन के कई मामले सामने आए।

लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम से जुड़े मामलों की कार्यवाहक सहायक मंत्री एरिन बार्कले ने मानवाधिकार पर 2022 की देश की रिपोर्ट जारी होने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘अमेरिका और भारत नियमित रूप से लोकतंत्र और मानवाधिकारों के मुद्दों पर उच्च स्तर पर परामर्श करते हैं। हम भारत से अपने मानवाधिकार दायित्वों और प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने के लिए दृढ़ता से आग्रह करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है, हम नियमित रूप से अमेरिका और भारत दोनों जगह नागरिक संगठन के संपर्क में रहे हैं, ताकि उनके दृष्टिकोण को सुन सकें और उनके अनुभवों से सीख सकें और हम भारत सरकार को भी उनसे परामर्श करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।’’

भारत में 2002 के गुजरात दंगों पर हाल में ‘बीबीसी’ के एक वृत्तचित्र पर किए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन करना जारी रखेगा।

एरिन बार्कले ने कहा, ‘‘जहां तक ‘बीबीसी’ मामले की बात है, हम उससे अवगत हैं और हम दुनियाभर में स्वतंत्र मीडिया का समर्थन करते रहेंगे और यही संदेश हमने दिया भी है।’’

विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन द्वारा जारी विदेश मंत्रालय की वार्षिक मानवाधिकार रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस की एक अनिवार्य प्रक्रिया है। रिपोर्ट में दुनिया भर के देशों में मानवाधिकारों की स्थिति का विवरण दिया जाता है।

इस वार्षिक रिपोर्ट में ईरान, उत्तर कोरिया और म्यांमा जैसे कुछ अन्य देशों के साथ-साथ मानवाधिकारों के बड़े पैमाने पर उल्लंघन के लिए रूस और चीन की भी आलोचना की गई है।

ब्लिंकन ने रिपोर्ट में कहा कि रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण किया... रूसी सुरक्षा बल के आक्रमण के दौरान युद्ध अपराधों को अंजाम देने और अन्य अत्याचार करने की कई खबरें हैं। इनमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा सहित नागरिकों को फांसी देना और लिंग आधारित हिंसा शामिल है।

उन्होंने कहा कि वहीं चीन ने शिनजियांग में खासतौर पर मुस्लिम उइगरों और अन्य जातीय व धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों के खिलाफ नरसंहार किया और कई अपराधों को अंजाम दिया।

 










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