उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी पर चौतरफा बवाल,भाजपा का आरोप विपक्षी गठबंधन सनातन धर्म कर रहा है अपमान

डीएन ब्यूरो

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता उदयनिधि स्टालिन और विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ पर ‘सनातन धर्म’ को लेकर तमिलनाडु के मंत्री द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर करारा प्रहार किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन का ‘प्राथमिक एजेंडा हिंदू धर्म का पूर्ण उन्मूलन’ है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी


नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता उदयनिधि स्टालिन और विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ पर ‘सनातन धर्म’ को लेकर तमिलनाडु के मंत्री द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर करारा प्रहार किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन का ‘प्राथमिक एजेंडा हिंदू धर्म का पूर्ण उन्मूलन’ है।

भाजपा ने द्रमुक नेता की टिप्पणी को ‘नफरती भाषण’ करार देते हुए उच्चतम न्यायालय से उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई करने की अपील की।

भाजपा की यह प्रतिक्रिया तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन के उस बयान के बाद आई है कि ‘सनातन धर्म’ समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसका उन्मूलन किया जाना चाहिए।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया, और डेंगू के बुखार से करते हुए कहा कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्मूलन किया जाना चाहिए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार गृह मंत्री अमित शाह व भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों और उदयनिधि स्टालिन पर वोटबैंक और तुष्टिकरण की राजनीति के लिए ‘सनातन धर्म’ का अपमान करने का आरोप लगाया।

राजस्थान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने ‘इंडिया’ गठबंधन को ‘घमंडिया गठबंधन’ बताते हुए कहा कि गठबंधन वोट बैंक की राजनीति के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, लेकिन ‘‘जितना वे सनातन धर्म के खिलाफ बोलेंगे, उतने ही कम होते जाएंगे।’’ राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में त्रिवेदी ने द्रमुक नेता को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘यह बयान उनके द्वारा अलग से नहीं दिया गया, बल्कि इसकी एक पूरी श्रृंखला है।’’

त्रिवेदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का परोक्ष रूप से संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘द्रमुक नेता की यह टिप्पणी ‘घमंडिया’ गठबंधन की मुंबई में हुई बैठक के 48 घंटे के भीतर आई है जो ‘मोहब्बत की दुकान के दुकानदार ’ के असली चरित्र को उजागर करती है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह स्पष्ट है कि उनका प्राथमिक एजेंडा हिंदू धर्म, सनातन धर्म का पूर्ण उन्मूलन है।’’

भाजपा प्रवक्ता त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि उदयनिधि स्टालिन का बयान आकस्मिक नहीं है बल्कि ‘सोच समझकर’’ दिया गया बयान है। उन्होंने कहा कि उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणियां ‘‘वास्तव में अच्छी तरह से सोची-समझी, अच्छी तरह से लिखी गई, उचित डिजाइन और निष्कर्ष के साथ’ की गई थीं, क्योंकि वह कागज पर लिखा भाषण पढ़ रहे थे।

त्रिवेदी ने सवाल किया, ‘‘ उदयनिधि के लिए वह भाषण कागज पर किसने लिखा था? घमंडिया गठबंधन (अहंकारी विपक्षी गठबंधन) ने इसमें क्या भूमिका निभाई?’’

भाजपा प्रवक्ता ने ‘सनातन धर्म’ के खिलाफ द्रमुक नेता की टिप्पणी को ‘पूरी तरह से क्षति पहुंचाने वाला, हिंसा भड़काने वाला नफरत फैलाने वाला भाषण’ करार दिया। उन्होंने उच्चतम न्यायालय से कानून के अनुसार कार्रवाई करने का आग्रह किया।

त्रिवेदी ने कहा, ‘‘ स्पष्ट रूप से, यह घृणास्पद भाषण का मामला है। मुझे उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय नफरत फैलाने वाले भाषणों पर कड़ी नजर रखेगा और इस मामले में उचित कदम उठाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस घमंडिया गठबंधन की किसी भी सरकार से हमें कोई उम्मीद की किरण नहीं है।’’

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ‘सनातन’ एक संस्कृत शब्द है और द्रविड़ भी, जिसका इस्तेमाल आदि शंकराचार्य ने किया था। उन्होंने कहा कि वेदांत दर्शन की अवधारणा दक्षिणी भारत से उभरी, जिसे संस्कृत में ‘द्रविड़’ भूमि कहा जाता है।

त्रिवेदी ने कहा, ‘‘द्रविड़ तमिल शब्द नहीं है। यह एक संस्कृत शब्द है जिसका अंग्रेजों ने दुरुपयोग किया है।’’ उन्होंने तमिलनाडु की जनता से अपील की कि वह ‘अमृत काल में इस विष को निकाल फेंके।’’

भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों का ‘इंडिया’ गठबंधन न केवल ‘सनातन धर्म’ का उन्मूलन चाहता है, बल्कि मोदी सरकार द्वारा किए गए ‘संपूर्ण विकास को भी नष्ट करना’ चाहता है।

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस मुद्दे पर उदयनिधि स्टालिन पर करारा प्रहार किया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में लिखा, ‘‘भारत के संविधान की शपथ लेकर मंत्री बने उदयनिधि स्टालिन ने मच्छरों की तरह सनातन धर्म का उन्मूलन करने का आह्वान किया और उस समय मंच पर, कोई विरोध किए बिना सुन रहे हैं तमिलनाडु के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ व्यवस्था मामलों के मंत्री पीके शेखर बाबू। तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष का कहना है कि गठबंधन का उद्देश्य सनातन धर्म को नष्ट करना है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ हिंदुओं के खिलाफ है।’’

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दलों का गठबंधन महज नाम बदलने से ‘भारत’ और इसकी समृद्ध संस्कृति के प्रति अपने नफरत को छिपा नहीं सकता।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ठाकुर ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) से घमंडिया नाम बदलने से यह सच्चाई नहीं छिप सकती कि भ्रष्ट लोगों के इस अपवित्र गठबंधन ने भारत, इसकी समृद्ध संस्कृति और सदियों से देश को जोड़ने वाले समन्वयवादी सनातन धर्म से नफरत करना बंद नहीं किया है।’’

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने भी द्रमुक नेता की टिप्पणी के मुद्दे पर विपक्षी गठबंधन की निंदा की। उन्होंने भी ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मैं ‘इंडिया’ के नेताओं की निंदा करता हूं जो सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया से कर रहे हैं और कह रहे हैं कि इसका उन्मूलन कर देना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम एक भारत श्रेष्ठ भारत में विश्वास करते हैं न कि नफरत की दुकान में।’’

भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के.अन्नामलाई ने भी द्रमुक सरकार के मंत्री की उनकी दुर्भावनापूर्ण विचारधारा के लिये आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु आध्यात्मिकता की भूमि है। आप सबसे अच्छा काम यह कर सकते हैं कि ऐसे कार्यक्रमों में माइक पकड़ें और अपनी कुंठा निकालें।’’

भाजपा की तमिलनाडु इकाई के उपाध्यक्ष नारायण तिरुपति ने भी द्रमुक को ‘कैंसर’ करार देते हुए कहा कि सत्तारूढ़ द्रविड पार्टी द्वारा की गई इस तरह की टिप्पणी नयी नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी द्रमुक को खत्म कर देगी।

उदयनिधि की टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर आक्रोश देखने को मिला। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी प्रकोष्ठ के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि द्रमुक नेता ने सनातन धर्म को मानने वाली 80 प्रतिशत जनता का ‘नरसंहार’ करने का आह्वान किया है। हालांकि, उदयनिधि ने उनके आरोपों को खारिज कर दिया।

आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए उदयनिधि ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘‘मैंने सनातन धर्म का अनुपालन करने वाले लोगों के जनसंहार का कभी आह्वान नहीं किया।’’ उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का सिद्धांत है, जो लोगों को जाति और धर्म के आधार पर बांटता है।

भाषा

धीरज प्रशांत

प्रशांत










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