सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- विवाहेतर संबंध अपराध नहीं

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-497 पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि शादी के बाद संबंध अपराध नहीं है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़ें और क्या-क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने..

Updated : 27 September 2018, 11:27 AM IST
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नई दिल्ली: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-497 पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट का कहा है किशादी के बाद संबंध अपराध नहीं है। बता दें कि 5 जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को धारा 497 पर सुनवाई पूरी करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रखा था। 

शीर्ष अदालत ने कहा कि महिला के साथ किसी भी तरह से किया गया असम्मान का व्यवहार अंसैवाधिक है। लोकतंत्र की खूबी ही मैं, तुम और हम की है। इसलिये विवाहेतर संबंध अपराध नहीं है। 

सुप्रीम कोर्ट की प्रमुख बातें

1. एडल्टरी तलाक का आधार हो सकता है लेकिन अपराध नहीं

2. एडल्टरी कानून पर CJI और जस्टिस खानविलकर ने कहा- धारा 497 असंवैधानिक

3. एडल्टरी का संबंध शादी नाम की संस्था से

4. महिला-पुरुष को समान अधिकार

5.  महिला की गरिमा सबसे ऊपर 

6. IPC 497 महिला के सम्मान के खिलाफ

7. पत्नी का मालिक नहीं है पति

 

Published : 
  • 27 September 2018, 11:27 AM IST

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