छात्र को चोट पहुंचाने के मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक दोषी करार
दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी को 2020 में जानबूझकर एक छात्र को चोट पहुंचाने का दोषी पाया है।
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी को 2020 में जानबूझकर एक छात्र को चोट पहुंचाने का दोषी पाया है।
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने कहा कि अभियोजन पक्ष आईपीसी की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) के तहत अपराध के लिए “उचित संदेह से परे” आरोपी को दोषी साबित करने में सफल रहा।
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हालांकि अदालत ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत दंडनीय अपराध से त्रिपाठी को यह कहते हुए बरी कर दिया कि यह घटना राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से उत्पन्न हुई, विशेष रूप से इस तथ्य को देखते हुए कि अगले दिन चुनाव होने थे।
न्यायाधीश ने 25 मार्च को पारित एक आदेश में कहा, 'अभियोजन पक्ष के इस आरोप पर विश्वास करना मुश्किल है कि अभियुक्त ने शिकायतकर्ता के खिलाफ जाति संबंधी कोई टिप्पणी की थी। ऐसा तो बिल्कुल नहीं लगता कि आरोपी ने शिकायतकर्ता को अनुसूचित जाति का होने की वजह से अपमानित करने या डराने की कोशिश की।
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अदालत 13 अप्रैल को सजा की अवधि के बारे में दलील सुनेगी। त्रिपाठी को अधिकतम एक साल की जेल की सजा हो सकती है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, प्राथमिकी फरवरी 2020 में एक छात्र की शिकायत पर दर्ज की गई थी, जिसने दावा किया था कि 7 फरवरी, 2020 को जब वह घर जा रहा था, तब आरोपी ने झंडेवालान चौक, लाल बाग में उसकी पिटाई की थी। अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले शिकायतकर्ता ने यह आरोप भी लगाया था कि त्रिपाठी ने उसके खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया था।