भीमा कोरेगाँव की 201वीं सालगिरह, सरकार ने किए सुरक्षा के कड़े इंतजाम

डीएन ब्यूरो

इस साल भीमा कोरेगाँव की 201वीं सालगिरह है। पिछले वर्ष भीमा-कोरेगाँव लड़ाई की जयंती के दौरान हुई हिंसा को देखते हुए, इस साल सरकार ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट..

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
सुरक्षा के कड़े इंतजाम


नई दिल्ली: भीमा-कोरेगाँव की लड़ाई को इस वर्ष 201 वर्ष होने जा रहे हैं। लोग इसकी जयंती मनाने के लिए महार क्रांतिकारियों के सम्मान में बनाए गए विजय स्तंभ की ओर पहुँचने लगे हैं। भीमा आर्मी चीफ और दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद ने मीडिया को कहा है कि इस अवसर पर वे विजय स्तंभ ज़रूर जाएंगे भले ही सरकार उन्हें कितना ही रोकने का प्रयास करे। 

 

सरकार ने पिछले वर्ष पुणे में हुई हिंसा से सबक लेते हुए इस वर्ष सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पिछले वर्ष हिंसा के चलते दलितों ने बंद का ऐलान कर दिया था जिससे सामान्य जीवन तहस-नहस हो गया था।

ऐसा माना जाता है कि महार दलितों ने ब्रिटिशों के साथ मिलकर पेशवा बाजीराव  के विरुद्ध लड़ाई लड़ी थी। अपनी छोटी सी सेना से उन्हें हराने में सफ़ल रहे थे। कोरेगाँव में बने विजय स्तंभ पर युद्ध में मारे गए 49 सैनिकों के नाम अंकित हैं। इनमें से 22 के आगे नाक (nak) लिखा है, जो कि महार के लिए इस्तेमाल किया जाता था। हालांकि इस स्तंभ का निर्माण ब्रिटिशों ने करवाया था लेकिन अब यह महार समुदाय का एक महत्वपूर्ण स्मृति चिह्न बन चुका है। 










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