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जब इंसान ने हार मानी, तब एक कुत्ते ने बचाई जान! जीनेट और वॉटसन की कहानी चौंका देगी

कहते हैं न, जिंदगी का कोई भरोसा नहीं होता। और कभी-कभी, जिंदगी किसी ऐसी जगह से बच जाती है, जहाँ से हम उम्मीद नहीं करते — जैसे एक पालतू कुत्ते से। 58 साल की जीनेट गॉडसेल का अनुभव कुछ ऐसा ही था, जिसने सबको चौंका दिया।
Post Published By: Poonam Rajput
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जब इंसान ने हार मानी, तब एक कुत्ते ने बचाई जान! जीनेट और वॉटसन की कहानी चौंका देगी

Southampton (UK):  कहते हैं न, जिंदगी का कोई भरोसा नहीं होता। और कभी-कभी, जिंदगी किसी ऐसी जगह से बच जाती है, जहाँ से हम उम्मीद नहीं करते — जैसे एक पालतू कुत्ते से। 58 साल की जीनेट गॉडसेल का अनुभव कुछ ऐसा ही था, जिसने सबको चौंका दिया।

सूत्रों के अनुसार, जीनेट, जो पेशे से डॉग ट्रेनर हैं, बहरे लोगों के लिए हियरिंग डॉग्स तैयार करती हैं। एक दिन जब वह ट्रेनिंग के बाद साउथैम्पटन स्थित अपने घर लौटीं, तो उन्हें अचानक शरीर में अजीब सी थकान महसूस हुई। वो सोफे पर बैठ गईं, लेकिन कुछ देर बाद यह थकान एक गंभीर हार्ट अटैक में बदल गई।

इसी दौरान उनके साथ मौजूद कॉकर स्पैनियल ‘वॉटसन’ ने कुछ ऐसा किया, जो इंसानों के लिए भी मुश्किल होता। वॉटसन, जिसे खुद जीनेट ने हियरिंग डॉग बनने के लिए प्रशिक्षित किया था, अचानक उनके पैरों पर आकर बैठ गया और बार-बार घुटनों को धक्का देने लगा। वह दरवाज़े की ओर इशारा कर रहा था — जैसे कह रहा हो कि “कुछ गड़बड़ है, चलो बाहर।”

जीनेट ने शुरुआत में वॉटसन की हरकत को हल्के में लिया और आराम करने चली गईं। लेकिन वॉटसन ने हार नहीं मानी। उसने जीनेट का रास्ता रोका, जोर-जोर से भौंका और फिर दौड़ते हुए बगीचे की ओर चला गया, जहां उसने इतनी ज़ोर से भौंकना शुरू कर दिया कि पड़ोस में रहने वाली सू की नजर उसकी ओर चली गई।

भाग्य का खेल देखिए  सू उस दिन अपने ऑफिस नहीं गई थीं और घर पर ही थीं। वॉटसन की हरकतें देखकर वह तुरंत जीनेट के घर पहुंचीं। जीनेट की हालत देख वह हतप्रभ रह गईं और फौरन एम्बुलेंस बुलाई। सौभाग्य से, नज़दीक ही एक एम्बुलेंस मौजूद थी।

पैरामेडिक्स ने मौके पर ही जीनेट को प्राथमिक जांच दी और तुरंत अस्पताल ले जाया गया। वहां पता चला कि उन्हें गंभीर हार्ट अटैक आया था और अगर कुछ देर और हो जाती, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी। डॉक्टरों ने बिना देर किए स्टेंट डालकर उनकी जान बचा ली।

घटना के महज एक घंटे के भीतर जीनेट अपने पार्टनर के साथ रिकवरी रूम में बैठी चाय पी रही थीं। वह आज भी उस दिन को याद कर भावुक हो जाती हैं और कहती हैं, “अगर वॉटसन न होता, तो शायद मैं आज ज़िंदा न होती।”

जीनेट ने वॉटसन को पिछले साल ही स्वयंसेवक के रूप में अपने घर में लिया था, लेकिन एक साल के भीतर दोनों के बीच ऐसा जुड़ाव बना कि वॉटसन उनके लिए फरिश्ता बन गया।

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