New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड को नागरिकता प्रमाण के रूप में नहीं माना जा सकता। यह टिप्पणी बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर हुई सुनवाई के दौरान सामने आई, जिसमें कोर्ट ने कहा कि केवल आधार कार्ड होने से कोई भारत का नागरिक साबित नहीं हो जाता।
कोर्ट ने चुनाव आयोग के उस तर्क को भी स्वीकार किया, जिसमें कहा गया कि आधार निर्णायक दस्तावेज नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने याद दिलाया कि आधार अधिनियम में भी इसे नागरिकता के प्रमाण के रूप में नहीं दर्शाया गया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
इसी विषय में बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी एक अहम टिप्पणी की। बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में आए एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड, पैन कार्ड या वोटर आईडी केवल पहचान पत्र हैं। ये दस्तावेज सिर्फ सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए होते हैं, नागरिकता का दावा इससे नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमानत देने से इनकार कर दिया।
क्या होती है नागरिकता?
नागरिकता किसी देश द्वारा उसके नागरिकों को दिए जाने वाला एक विशेष अधिकार है, जिसमें उन्हें कानूनी संरक्षण, रोजगार और राजनीतिक भागीदारी जैसे अधिकार मिलते हैं। भारत में नागरिकता का प्रावधान नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत किया गया है। इस कानून के अनुसार भारत दोहरी नागरिकता को मान्यता नहीं देता।
कैसे मिलती है भारत की नागरिकता?
जन्म के आधार पर
यदि किसी व्यक्ति का जन्म भारत में 1 जुलाई 1987 के बाद हुआ है और उसके माता या पिता में से कोई एक भारत का नागरिक है, तो उसे भारतीय नागरिकता मिलती है।
वंशानुगत नागरिकता
विदेश में जन्म लेने वाले बच्चे को भी नागरिकता मिल सकती है, बशर्ते माता-पिता भारतीय नागरिक हों और जन्म के एक साल के भीतर भारतीय दूतावास में उसका पंजीकरण हुआ हो।
पंजीकरण और प्राकृतिककरण (Naturalization)
अन्य देशों के लोग भी भारत में निवास की अवधि, भाषा ज्ञान और चरित्र जांच जैसी शर्तों को पूरा करके नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
क्षेत्रीय विस्तार
यदि भारत किसी क्षेत्र को अपने अधिकार में लेता है, तो वहां रहने वाले लोगों को स्वचालित रूप से नागरिकता दी जा सकती है।
नागरिकता साबित करने वाले वैध दस्तावेज
कोर्ट के अनुसार निम्नलिखित दस्तावेज नागरिकता साबित करने के लिए मान्य हैं:
जन्म प्रमाण पत्र: ग्राम पंचायत, नगर पालिका या नगर निगम द्वारा जारी।
डोमिसाइल (निवास प्रमाण पत्र): तीन साल राज्य में निवास के बाद राज्य सरकार द्वारा जारी।
परिवार रजिस्टर, स्कूल प्रमाण पत्र: सहायक दस्तावेज के रूप में मान्य।
यदि जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है, तो नॉन-अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट के आधार पर इसे बनवाया जा सकता है।