नई दिल्ली: क्या आप भी रात के 12 बजे या उसके बाद ही बिस्तर पर जाते हैं? क्या देर रात तक वेब सीरीज देखना, सोशल मीडिया चलाना या देर से काम करना आपकी आदत बन चुका है? अगर हां, तो अब सतर्क हो जाइए, क्योंकि यह आदत धीरे-धीरे आपकी सेहत को अंदर से कमजोर कर रही है। आज की व्यस्त और डिजिटल जिंदगी में देर रात तक जागना एक सामान्य व्यवहार बन चुका है, लेकिन इसके गंभीर परिणाम आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर पड़ सकते हैं।
नींद में देरी का मतलब, बढ़ते हेल्थ रिस्क
विशेषज्ञों के अनुसार, इंसानी शरीर एक बायोलॉजिकल क्लॉक के अनुसार काम करता है, जिसे सर्कैडियन रिद्म कहा जाता है। जब हम इस प्राकृतिक समयसारिणी के खिलाफ जाकर देर रात तक जागते हैं, तो शरीर और दिमाग को आवश्यक आराम नहीं मिल पाता। इसके चलते कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं जन्म लेती हैं।
वजन बढ़ने का खतरा
देर रात तक जागने वाले लोग अक्सर अनहेल्दी स्नैक्स खाते हैं। इसके पीछे कारण है कि शरीर देर तक एक्टिव रहने के कारण ऊर्जा मांगता है, और हम बिना सोचे-समझे कुछ भी खा लेते हैं। इससे मेटाबॉलिज्म की रफ्तार धीमी हो जाती है और शरीर में फैट जमा होने लगता है। परिणामस्वरूप वजन तेजी से बढ़ने लगता है, जो आगे चलकर मोटापा, हाई बीपी और डायबिटीज जैसी बीमारियों को न्योता देता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर असर
नींद की कमी या अनियमित नींद सीधे तौर पर मूड पर असर डालती है। जो लोग रोज़ाना आधी रात के बाद सोते हैं, उनमें चिड़चिड़ापन, गुस्सा, और उदासी की प्रवृत्ति आम हो जाती है। वे छोटी-छोटी बातों पर भड़क जाते हैं या बिना किसी वजह के दुखी महसूस करते हैं। लंबे समय तक यह स्थिति बनी रही तो यह डिप्रेशन और एंग्जायटी का रूप भी ले सकती है।
बढ़ता है तनाव का स्तर
देर रात तक जागने से शरीर में कोर्टिसोल नामक तनाव हार्मोन का स्तर बढ़ता है। इससे व्यक्ति को लगातार तनाव और बेचैनी महसूस होती है। अच्छी और समय पर नींद कोर्टिसोल के स्तर को संतुलित रखती है, जिससे मानसिक सुकून और स्थिरता बनी रहती है।
ध्यान और याददाश्त में आती है गिरावट
यदि आपको लगता है कि आप ठीक से पढ़ाई या काम पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, तो इसके पीछे आपकी नींद की खराब आदत हो सकती है। पर्याप्त नींद न मिलने से मस्तिष्क की कार्यक्षमता घट जाती है, जिससे एकाग्रता और याददाश्त पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
क्या है समाधान?
विशेषज्ञों की सलाह है कि एक स्वस्थ वयस्क को हर रात कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद जरूर लें।
सोने से लगभग आधे घंटे पहले फोन से दूर हो जाएं यानी सोने से पहले फोन नहीं चलाए।