नई दिल्ली: मौजूदा समय में हृदय रोग के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, और सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इसका शिकार वे लोग बन रहे हैं जो रोजाना ऑफिस जाकर बैठकर काम करते हैं। ऑफिस वर्कर्स में यह खतरा अन्य लोगों की तुलना में कहीं अधिक देखा जा रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो इसके पीछे मुख्य रूप से दो बड़ी वजहें हैं – खराब खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी।
डॉक्टर के अनुसार, दिल की बीमारी की बढ़ती दर के पीछे का सबसे बड़ा कारण है प्रोसेस्ड फूड का अत्यधिक सेवन और व्यायाम की कमी। पहले लोग घर का ताजा और पोषणयुक्त खाना खाते थे, लेकिन अब ऑफिस कल्चर और शहरी जीवनशैली ने अधिकांश को प्रोसेस्ड और रेडी-टू-ईट फूड की ओर मोड़ दिया है।
प्रोसेस्ड फूड बन रहा खतरा
डॉक्टर बताते हैं कि आज के ऑफिस वर्कर्स दिन का ज्यादातर समय ऑफिस में बिताते हैं और अक्सर बाहर या ऑफिस कैंटीन का खाना खाते हैं। इसमें अधिकतर चीजें प्रोसेस्ड होती हैं जैसे पास्ता, ओट्स, बिस्किट्स, इंस्टैंट नूडल्स आदि। लोग इन्हें हेल्दी समझते हैं लेकिन लगातार इनका सेवन दिल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसके बजाय ताजे, घर पर बने भोजन को प्राथमिकता देना जरूरी है।
वर्कआउट की कमी और घंटों बैठना भी बड़ा कारण
खराब खानपान के साथ-साथ वर्कआउट की कमी भी एक अहम वजह है। ऑफिस में लगातार 8-10 घंटे तक बैठकर काम करने से शरीर की शारीरिक गतिविधियां लगभग शून्य हो जाती हैं। यह स्थिति हृदय के लिए बेहद खतरनाक होती है। डॉक्टर बताते हैं कि मजदूर या बाहर फिजिकल वर्क करने वाले लोग शारीरिक रूप से ज्यादा एक्टिव रहते हैं और इसलिए अपेक्षाकृत ज्यादा स्वस्थ होते हैं।
विकसित राज्यों में तेजी से बढ़ रहे मामले
रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत के विकसित राज्यों जैसे महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में दिल की बीमारियों के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में शहरीकरण, वर्क प्रेशर और मॉडर्न लाइफस्टाइल के चलते लोग अपनी सेहत पर कम ध्यान दे पा रहे हैं।
ये लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें
- शरीर का एक हिस्सा अचानक सुन्न हो जाना
- बोलने में कठिनाई या जबान का लड़खड़ाना
- सीने में दर्द या दबाव महसूस होना
- लगातार बेचैनी या घबराहट
- सांस लेने में तकलीफ
- बार-बार बेहोशी आना या चक्कर महसूस होना
ऑफिस वर्कर्स को चाहिए कि वे अपनी दिनचर्या में हेल्दी डाइट के साथ नियमित वर्कआउट को जरूर शामिल करें। थोड़ी सी जागरूकता और लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर दिल की बीमारियों से खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है।