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रजाई में रहकर भी ठंडे रहते हैं पैर? हो सकती है शरीर में ये कमी या बीमारी का संकेत

अगर ठंड में रजाई या कंबल में रहने के बाद भी पैर ठंडे रहते हैं, तो इसे मौसम का असर न समझें। यह खून के कमजोर बहाव, आयरन या विटामिन B12 की कमी, थायरॉइड या डायबिटीज जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
Post Published By: Asmita Patel
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रजाई में रहकर भी ठंडे रहते हैं पैर? हो सकती है शरीर में ये कमी या बीमारी का संकेत

New Delhi: सर्दियों का मौसम शुरू होते ही हर कोई गर्म रहने के लिए रजाई और कंबल का सहारा लेता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि शरीर तो गर्म रहता है, मगर पैर ठंडे बने रहते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो इसे केवल मौसम का असर न मानें। यह किसी पोषक तत्व की कमी या किसी गंभीर बीमारी का शुरुआती संकेत हो सकता है।

खून का बहाव कमजोर होना

ठंडे पैरों की सबसे आम वजह है शरीर में खून का सही तरीके से न बहना। जब ब्लड फ्लो पैरों तक पूरी तरह नहीं पहुंचता, तो उनका तापमान गिर जाता है और वे ठंडे लगने लगते हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, कमजोर ब्लड सर्कुलेशन से हाथ-पैर सुन्न या ठंडे महसूस हो सकते हैं। यह समस्या उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है जो लंबे समय तक बैठे रहते हैं या बहुत कम चलते-फिरते हैं।
इससे बचने के लिए रोजाना थोड़ी देर टहलें, पैरों की हल्की मालिश करें और लगातार एक ही स्थिति में बैठे रहने से बचें।

शरीर में आयरन की कमी

अगर आपके पैर हमेशा ठंडे रहते हैं, तो संभव है कि शरीर में आयरन की कमी हो। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में करीब 1.62 अरब लोग एनीमिया से पीड़ित हैं, जिनमें से आधे मामलों का कारण आयरन की कमी है।
शरीर में आयरन कम होने से खून में ऑक्सीजन का प्रवाह घट जाता है, जिससे हाथ और पैर ठंडे लगने लगते हैं। इसे रोकने के लिए अपने आहार में पालक, गुड़, अनार, चुकंदर, हरी सब्जियां और दालें शामिल करें। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से आयरन सप्लीमेंट भी लिया जा सकता है।

प्रतीकात्मक फोटो

थायरॉइड हार्मोन का असंतुलन

थायरॉइड हार्मोन शरीर के तापमान और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है। जब यह हार्मोन पर्याप्त मात्रा में नहीं बनता, तो शरीर की गर्मी कम हो जाती है और व्यक्ति को जल्दी ठंड लगने लगती है। अमेरिकन थायरॉइड एसोसिएशन का कहना है कि हाइपोथायरॉइडिज्म वाले लोगों में ठंड बर्दाश्त करने की क्षमता कम होती है।
अगर ठंडे पैरों के साथ वजन बढ़ना, थकान या बाल झड़ना जैसी दिक्कतें हैं, तो थायरॉइड टेस्ट करवाना जरूरी है।

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विटामिन B12 की कमी

विटामिन B12 नसों और खून के सेल्स के लिए बहुत जरूरी होता है। नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी कमी से नसें कमजोर हो जाती हैं, जिससे पैरों में झनझनाहट, सुन्नपन या ठंडक महसूस हो सकती है।
इसे रोकने के लिए दूध, अंडा, मछली और डेयरी उत्पादों का सेवन करें। अगर आप शाकाहारी हैं, तो डॉक्टर की सलाह से B12 सप्लीमेंट लेना फायदेमंद रहेगा।

डायबिटीज और नसों को नुकसान

डायबिटीज यानी मधुमेह भी ठंडे पैरों की एक आम वजह हो सकती है। CDC (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के अनुसार, मधुमेह से पीड़ित करीब 50 प्रतिशत लोगों में नसों को नुकसान पहुंचता है, जिसे डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है। इससे पैरों में ठंडक, सुन्नपन या झनझनाहट होती है।
अगर आपको डायबिटीज है, तो शुगर लेवल कंट्रोल में रखें, मीठा कम खाएं और रोज हल्की एक्सरसाइज करें।

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मौसम का असर भी हो सकता है

कभी-कभी पैरों का ठंडा रहना केवल सर्दी के मौसम की वजह से भी होता है। हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग बताता है कि जब तापमान गिरता है, तो शरीर दिल और दिमाग जैसे जरूरी अंगों को गर्म रखने पर ध्यान देता है। ऐसे में पैरों में खून का प्रवाह घट जाता है, जिससे वे ठंडे हो जाते हैं।

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