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नेपाल के बाद फ्रांस में फैली हिंसा, पेरिस समेत कई शहरों में प्रदर्शन, जानें क्या है इसकी वजह?

नेपाल के बाद अब फ्रांस भी जनता के गुस्से का गवाह बन गया है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की नीतियों के खिलाफ लोग पेरिस समेत कई शहरों में सड़कों पर उतर आए हैं। विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुके हैं और अब तक 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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नेपाल के बाद फ्रांस में फैली हिंसा, पेरिस समेत कई शहरों में प्रदर्शन, जानें क्या है इसकी वजह?

Paris: नेपाल में जारी विरोध प्रदर्शनों के बाद अब फ्रांस में भी हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की नीतियों के विरोध में हजारों की संख्या में लोग पेरिस और अन्य प्रमुख शहरों की सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि राष्ट्रपति मैक्रो के शासन में पिछले 12 महीनों में चार बार प्रधानमंत्री बदले जा चुके हैं।

अब तक 200 प्रदर्शनकारी हिरासत में

विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसक रूप ले चुके हैं। सड़कों पर आगजनी, पुलिस पर पथराव और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं सामने आई हैं। अब तक लगभग 200 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कई स्थानों पर सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुई हैं।

सरकार ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन फिलहाल स्थिति काबू से बाहर दिख रही है।

राजनीतिक और सामाजिक संकट से जूझ रहा फ्रांस

बता दें कि फ्रांस इन दिनों गहरे राजनीतिक और सामाजिक संकट से जूझ रहा है। राजधानी पेरिस समेत देश के कई बड़े शहरों में जनता सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आई है। ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ नामक आंदोलन के तहत प्रदर्शनकारियों ने परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह ठप कर दिया है। सड़कों, रेलवे स्टेशनों और सार्वजनिक स्थानों पर अफरातफरी का माहौल है।

नेपाल के बाद फ्रांस में फैली हिंसा, पेरिस समेत कई शहरों में प्रदर्शन, जानें क्या है इसकी वजह?

इस बीच बुधवार को पेरिस में 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। नकाबपोश भीड़ ने जगह-जगह बैरिकेड्स और कचरे के डिब्बे जलाकर रास्ते बंद कर दिए। बोरदॉ, मार्सिले और लियोन जैसे प्रमुख शहरों में भी हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। पुलिस पर बोतलें और फ्लेयर्स फेंके गए हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ती जा रही है।

राष्ट्रपति की नीतियों पर जनता का गुस्सा

राजनीतिक अस्थिरता ने भी संकट को गहरा किया है। हाल ही में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने नए प्रधानमंत्री सेबास्टियन लेकोर्नू को नियुक्त किया है, जिन्होंने फ्रांस्वा बायरो की जगह ली है। बायरो ने बजट में भारी कटौती की योजना पेश की थी, जिसे जनता ने नकार दिया। इसके विरोध में उन्होंने आत्म-विश्वास मत हारने के बाद इस्तीफा दे दिया।

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सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए देशभर में 80,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं। इसके बावजूद प्रदर्शनकारी पेट्रोल पंप, तेल डिपो और सुपरमार्केट्स तक को निशाना बना रहे हैं।

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