नई दिल्लीः दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी कैंसर है, जिसका इलाज समय रहकर हो गया तो व्यक्ति इस बीमारी से मुक्त हो जाता है। वहीं, अगर बीमारी का सही समय में इलाज ना हो तो वह जान के लिए खतरा बन जाता है। जैसा कि आप जानते ही होंगे कि कैंसर का इलाज कराने के लिए लाखों रुपए लगते है, जो कुछ ही लोग उसे करने के लिए सक्षम होते है। बाकि सब इसका शिकार हो जाते हैं।
बिना दवाओं के हो सकता है कैंसर का इलाज
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जरूरी नहीं है कि बीमारी का इलाज दवाओं से हो, बल्कि कुछ लोग अपनी बीमारी का इलाज बिना दवा से खुद ही कर लेते हैं। वैसे ही जरूरी नहीं है कि कैंसर का इलाज केवल कीमोथेरेपी और रेडिएशन से हो, इसके बिना भी इलाज हो सकता है और ये तथ्य 52 साल की उम्र के एक शख्य ने साबित किया है।
प्रकृतिक तरीके से किया कैंसरा का खात्मा
सोशल मीडिया से लेकर खबरों में इस वक्त एक ऐसी कहानी प्रचलित हो रही है, जहां एक व्यक्ति कैंसर से लड़ने के लिए न तो कीमो का सहारा लिया और न ही रेडिएशन का। उस व्यक्ति ने केवल कैंसर का इलाज प्रकृतिक रूप से खत्म किया और दुनिया में एक मिसाल खड़ी कर दी।
कैंसर इलाज के लिए गया जंगल
बताते चलें कि विदेश में रहने वाला एक व्यक्ति को ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर) और लिंफोमा (लसीका ग्रंथि का कैंसर) हो गया था, जिसके लिए डॉक्टर ने व्यक्ति को तुरंत कीमोथेरेपी और रेडिएशन शुरू करने की सलाह दी। लेकिन उस व्यक्ति ने डॉक्टर की चेतावनी को नजर अंदाज करते हुए कुछ अलग करने का फैसला लिया। उस व्यक्ति को कैंसर को खत्म करने के लिए प्रकृतिक का सहारा लेते हुए एक घने जंगल में चला गया।
बर्फीले पानी में की तैराकी
वहां उस व्यक्ति ने कई अलग-अलग चीजें कि जंगल में उसने एक प्राकृतिक ट्रायल किया। 187 मील (करीब 300 किलोमीटर) तैराकी 4°C के बर्फीले पानी में की और हर हफ्ते एक रात जंगल में बिताई। इसके अलावा व्यक्ति ने कैंसर ने लड़ने के बजाय जीवन से प्यार किया और प्राकृतिक का आनंद लिया। उस व्यक्ति का मानना है कि शरीर अपने आप ही बीमारी से लड़ लेगा पर उसे वैसा माहौल दो।
हैरान कर देने वाला खुलासा
बर्फील पानी में पहली बार तैराकी करने से जब व्यक्ति ने ब्लड टेस्ट किया तो ल्यूकेमिया पूरी तरह से गायब हो गया था, जिससे देखकर डॉक्टर की आंखे फटी की फटी रह गई। व्यक्ति ने कुल 10 महीने जंगल में बिताएं और पूरा कैंसर खत्म कर दिया।