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Share Market: अमेरिकी टैरिफ का झटका; दो दिनों में निवेशकों को करोड़ों रुपये का नुकसान, सेंसेक्स 1,555 अंक टूटा

अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी का असर भारतीय शेयर बाजार पर गहराता जा रहा है। बीते दो कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 1,555 अंक टूटा और निवेशकों की 9.69 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डूब गई।
Post Published By: Sapna Srivastava
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Share Market: अमेरिकी टैरिफ का झटका; दो दिनों में निवेशकों को करोड़ों रुपये का नुकसान, सेंसेक्स 1,555 अंक टूटा

New Delhi: भारतीय शेयर बाजार पर अमेरिकी टैरिफ का बड़ा असर देखने को मिल रहा है। बीते दो कारोबारी दिनों में निवेशकों की करीब 9.69 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति डूब गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का असर बुधवार से शुरू हुआ और गुरुवार तक बाजार पर इसका दबाव स्पष्ट दिखा।

बीएसई सेंसेक्स दो दिनों में कुल 1,555 अंक यानी 1.90 प्रतिशत टूट चुका है। गुरुवार को सेंसेक्स 705.97 अंक गिरकर 80,080.57 पर बंद हुआ, जबकि इससे पहले मंगलवार को भी बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली थी। निफ्टी भी 211 अंक लुढ़ककर 24,500.90 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 773 अंक गिरकर 80,013.02 तक पहुंच गया था।

टैरिफ का असर क्यों?

अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं के आयात पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जिससे कुल शुल्क दर 50 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इस फैसले ने भारतीय निर्यातकों की चिंता बढ़ा दी है। विशेष रूप से टेक्सटाइल और आईटी सेक्टर पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है। विदेशी निवेशक भी इस अनिश्चित माहौल में पूंजी निकाल रहे हैं, जिससे बाजार पर दबाव और गहरा गया है।

किन कंपनियों पर पड़ा असर?

सेंसेक्स में शामिल कई बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। एचसीएल टेक, इन्फोसिस, पावर ग्रिड, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारती एयरटेल और आईसीआईसीआई बैंक जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयर नुकसान में रहे।
हालांकि, टाइटन, लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी), मारुति और एक्सिस बैंक के शेयरों में मामूली बढ़त दर्ज की गई।

बाजार विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, ‘भारतीय वस्तुओं पर शुल्क लागू होने से निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा है। कपास आयात शुल्क में छूट ने थोड़ी राहत जरूर दी, लेकिन संपूर्ण बाजार माहौल अब भी दबाव में है।’

टैरिफ का असर क्यों

लेमन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक गौरव गर्ग का कहना है, ‘शेयर बाजार में लगातार बिकवाली देखने को मिल रही है। अमेरिकी शुल्कों के असर और विदेशी पूंजी की निकासी ने बाजार को और कमजोर किया है।’

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सरकार का कदम

सरकार ने कपड़ा उद्योग को राहत देने के लिए कपास के शुल्क-मुक्त आयात को तीन महीने और बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दिया है। यह कदम निर्यातकों को राहत देने के लिए उठाया गया है, ताकि वे अमेरिकी टैरिफ के दबाव को झेल सकें।

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शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव

बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले हफ्तों में शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। निवेशकों की नजर अमेरिकी नीतियों, विदेशी पूंजी प्रवाह और सरकार की नीतिगत घोषणाओं पर रहेगी। फिलहाल, अमेरिकी शुल्कों की मार और वैश्विक अनिश्चितता से भारतीय बाजार दबाव में बने रहने की संभावना है।

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