New Delhi: देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि भारत का पहला ‘मेड इन इंडिया’ सेमीकंडक्टर चिप इसी साल के अंत तक बाजार में आ जाएगा। यह घोषणा न सिर्फ भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और रक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव का संकेत भी है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब तक सेमीकंडक्टर चिप्स के लिए पूरी तरह से दूसरे देशों पर निर्भर था। हर साल देश को अरबों रुपये खर्च करने पड़ते थे, लेकिन अब यह स्थिति बदलने जा रही है। उन्होंने कहा कि ‘2025 का यह वर्ष भारत को टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।’
क्या है सेमीकंडक्टर चिप?
सेमीकंडक्टर एक इलेक्ट्रॉनिक चिप होती है, जो सिलिकॉन से बनी होती है और इसका उपयोग लगभग हर आधुनिक डिवाइस में होता है- मोबाइल, लैपटॉप, स्मार्टवॉच, इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ, एलईडी बल्ब, मेडिकल डिवाइसेज़ से लेकर रक्षा क्षेत्र के फाइटर जेट, ड्रोन और मिसाइल तक में। सेमीकंडक्टर किसी भी डिवाइस की ‘ब्रेन’ की तरह काम करता है- यह मेमोरी स्टोर करने, डेटा प्रोसेस करने, ऑपरेशन कंट्रोल करने और सिग्नल बढ़ाने का कार्य करता है।
क्यों जरूरी है भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण?
भारत में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। देश में अभी सेमीकंडक्टर की मांग करीब 24 बिलियन डॉलर की है, जो 2025 तक 100 बिलियन डॉलर और 2030 तक 110 बिलियन डॉलर पहुंचने की उम्मीद है। पेट्रोल और सोने के बाद इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स भारत का तीसरा सबसे बड़ा आयात है, जिसमें अकेले सेमीकंडक्टर का हिस्सा लगभग 27% है।
इस भारी मांग के बावजूद भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण का कोई मजबूत आधार नहीं था। चीन, ताइवान, जापान, साउथ कोरिया और अमेरिका जैसे देश इस क्षेत्र में पहले से अग्रणी हैं। अकेले चीन और ताइवान मिलकर दुनिया के 75% से ज्यादा चिप्स का निर्माण करते हैं।
भारत की नई पहल- इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM)
भारत सरकार ने हाल ही में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के तहत चार सेमीकंडक्टर निर्माण परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इसके तहत हाई-टेक प्लांट्स, फैब्रिकेशन यूनिट्स और सप्लाई चेन नेटवर्क को विकसित किया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि यह ‘नया भारत’ टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता की मिसाल बनेगा।
आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम
पीएम मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि भारत अब केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्माता बनेगा। मेड इन इंडिया चिप्स भारत को न केवल रक्षा और तकनीक में आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि वैश्विक बाजार में भी प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाएंगे।

