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नोएडा एयरपोर्ट के पास जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों की अब खैर नहीं, रिटायर्ड DSP करेंगे निगरानी, पढ़िए पूरी प्लानिंग

इस योजना के तहत तीन प्रमुख क्षेत्र जेवर, वृंदावन और टप्पल चिह्नित किए गए हैं। इन तीन क्षेत्रों में से प्रत्येक में 10 पूर्व सैनिकों की एक टीम तैनात की जाएगी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
Post Published By: Mayank Tawer
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नोएडा एयरपोर्ट के पास जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों की अब खैर नहीं, रिटायर्ड DSP करेंगे निगरानी, पढ़िए पूरी प्लानिंग

गौतमबुद्ध नगर: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास भूमि हड़पने की घटनाओं में तेजी आ रही है। अब इस समस्या से निपटने के लिए यमुना प्राधिकरण ने एक नई सुरक्षा योजना तैयार की है। इस योजना के तहत रिटायर्ड डीएसपी रैंक के अधिकारियों और पूर्व सैन्य कर्मियों की एक विशेष टीम बनाई जाएगी। जो इन क्षेत्रों की सुरक्षा और अवैध कब्जों को रोकने का कार्य करेगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि सुरक्षा के इस नए सेटअप का मुख्य उद्देश्य यमुना प्राधिकरण के स्वामित्व वाली भूमि को अवैध कॉलोनाइजरों और भू-माफियाओं से बचाना है। इस योजना के तहत तीन प्रमुख क्षेत्र जेवर, वृंदावन और टप्पल चिह्नित किए गए हैं। इन तीन क्षेत्रों में से प्रत्येक में 10 पूर्व सैनिकों की एक टीम तैनात की जाएगी। जिसमें एक रिटायर्ड डीएसपी स्तर का अधिकारी टीम का नेतृत्व करेगा। ये टीमें सरकारी वाहनों के माध्यम से क्षेत्र में गश्त करेंगी और किसी भी अवैध गतिविधि का मुकाबला करेंगी।

इन 6 जिलों में फैला यमुना प्राधिकरण का क्षेत्र

डॉ.अरुणवीर सिंह ने कहा कि यमुना प्राधिकरण का क्षेत्र कुल छह जिलों गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, हाथरस, अलीगढ़, मथुरा और आगरा में फैला हुआ है। इन क्षेत्रों में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, आगामी फिल्म सिटी, लॉजिस्टिक पार्क और हेरिटेज सिटी जैसी बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के चलते भूमि की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है। इस कारण से यह क्षेत्र अवैध कब्जे और अनधिकृत रियल एस्टेट गतिविधियों के लिए प्रमुख लक्ष्य बन गए हैं।

27 हेक्टेयर से अधिक भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया

यमुना प्राधिकरण ने इस बढ़ते खतरे को देखते हुए एक व्यापक रणनीति बनाई है। इसके तहत हर मंगलवार को नियमित रूप से अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य अवैध कब्जों को रोकना और क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। गुरुवार को भी एक बड़ा अभियान चलाया गया। जिसमें अलीगढ़ के जिला प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर टप्पल, सिरसेढ़ी और हेलूपुर गांवों से 27 हेक्टेयर से अधिक भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस भूमि की कीमत 407 करोड़ रुपए से अधिक है।

अवैध कॉलोनियों का खुलासा

अलीगढ़ के विभिन्न गांवों में अवैध कॉलोनियों का पता चला है। टप्पल गांव में ‘एयरपोर्ट सिटी’ और ‘चेरी बिल्डकॉन’ के नाम से अवैध कॉलोनियां चल रही थीं। वहीं सिरसेढ़ी गांव में ‘जम्मन एक्सपर्ट’ और ‘एयरोसिटी प्रोजेक्ट’ के नाम पर जमीनों पर अतिक्रमण किया गया था। हेलूपुर में भी ‘एमआरजेके टाउनशिप’ के नाम से अवैध रूप से प्लॉटों पर कब्जा किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि अकेले अलीगढ़ में 57 लोगों के खिलाफ अवैध निर्माण में शामिल होने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।

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