Site icon Hindi Dynamite News

दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लगाते ही क्यों हटाना पड़ा?

दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मार्शल लॉ लगाने का ऐलान किया, जिसे खत्म भी कर दिया गया है। पूरा मामला जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लगाते ही क्यों हटाना पड़ा?

साउथ कोरिया: दक्षिण कोरिया में तीन दिसंबर की रात राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मार्शल लॉ लगाने का ऐलान किया। अब इसके विरोध में देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। विरोध के चलते आखिरकार महज कुछ घंटों के भीतर ही राष्ट्रपति ने देश में लगाए गए मार्शल लॉ को समाप्त करने की घोषणा कर दी। दक्षिण कोरिया में यह फैसला संसद के भारी विरोध और मतदान के बाद लिया गया। मतदान के दौरान 300 में से 190 सांसदों ने सर्वसम्मति से मार्शल लॉ को स्वीकार करने के लिए मना कर दिया। अब सवाल उठता है कि राष्ट्रपति यून सुक-योल ने इमरजेंसी लगाने की घोषणा क्यों की? 

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मुख्य विपक्षी पार्टी पर उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए इमरजेंसी लगाई थी। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि यह फैसला देश विरोधी ताकतों को कुचलने के लिए लिया गया था। उनके पास मार्शल लॉ लगाने के अलावा और कोई चारा नहीं था।

मार्शल लॉ का ऐलान होने के बाद क्या हुआ?
दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लागू होने के बाद से ही सत्तारूढ़ और विपक्षी दल इसके विरोध में  गये। सत्तारूढ़ दल के कई नेताओं ने भी इसको अलोकतांत्रिक व असंवैधानकि बताया। राष्ट्रपति की अपनी पार्टी के नेता हैन डोंग-हून ने इस फैसले की खुलकर आलोचना की। हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर लोकतांत्रिक व्यवस्था की बहाली की मांग करने लगे। आखिरकार राष्ट्रपति यून सुक-योल को पीछे हटना पड़ा और मार्शल लॉ को खत्म कर दिया गया। 

क्या कहता है साउथ कोरिया का संविधान
दक्षिण कोरिया के संविधान के आर्टिकल 77 में मार्शल लॉ की घोषणा का जिक्र है। आर्टिकल 77 में कहा गया है कि जब किसी सैन्य आवश्यकता या युद्ध से निपटने की स्थिति हो तब ही इमरजेंसी लगाई जाए। इमरजेंसी के समय सेना को पब्लिक प्लेस पर कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए विशेष अधिकार दिये गये हैं। सेना को आदेश राष्ट्रपति से मिलेंगे और इमरजेंसी हटाने के लिए संसद से प्रस्ताव पास करना अनिवार्य है। साथ ही अगर आधे से ज्यादा सांसद इमरजेंसी हटाने पर राजी होते हैं, तो ही प्रस्ताव को पास माना जाएगा।

Exit mobile version