बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन जमकर हंगामा, भाजपा ने तेजस्वी से मांगा इस्तीफा
बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्य विधानसभा में विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग करते हुए हंगामा किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
पटना: बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्य विधानसभा में विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग करते हुए हंगामा किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भाजपा ‘नौकरी के बदले जमीन’ लेने संबंधी घोटाले में तेजस्वी के खिलाफ सीबीआई के आरोप पत्र दायर किये जाने के मद्देनजर उनके इस्तीफे की मांग कर रही है।
मानसून सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के मुख्य सचेतक जनक राम तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग करने लगे।
उस समय तेजस्वी सत्ता पक्ष की अग्रिम पंक्ति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बैठे हुए थे।
इसके कुछ ही मिनट बाद विधानसभा की कार्यवाही कुछ दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
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बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मौके की गंभीरता को देखते हुए हमने आज इस मामले पर जोर नहीं दिया। लेकिन शेष सत्र के दौरान हम सरकार को भ्रष्टाचार पर सफाई देने के लिए मजबूर करेंगे’’।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के साथ समझौता कर लिया है। उन्हें अपने कृत्यों और चूक के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा’’।
इससे पहले, नीतीश को तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तथा कैबिनेट मंत्री तेज प्रताप यादव के साथ अपनी कार में विधानसभा पहुंचने को उनकी ओर से इस संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक है जिसमें यादव बंधुओं के पिता लालू प्रसाद द्वारा स्थापित राजद सबसे बड़ा घटक दल है।
नीतीश निकटवर्ती पुराने सचिवालय भवन से विधानसभा पहुंचे थे जहां उन्होंने राज्य स्तरीय अभियान वन महोत्सव के हिस्से के रूप में एक पौधा रोपा।
कार में बैठने से पहले नीतीश ने पत्रकारों के साथ संक्षिप्त बातचीत की और बिहार में वन क्षेत्र में सुधार पर अपने विचार साझा किये और दावा किया कि 2005 में उनके पदभार संभालने के बाद से इस दिशा में काफी प्रगति हुई है।
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हालांकि, जब नीतीश से सत्र के दौरान सरकार को घेरने की भाजपा की योजना के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, ‘‘अब इसे छोड़ दें। ऐसा लगता है कि आप लोगों को एक पार्टी ने हाईजैक कर लिया है’’।
‘नौकरी के बदले जमीन घोटाला’ उस समय का है जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे। हालांकि, उस समय तेजस्वी खुद नाबालिग थे।
तेजस्वी जब 2017 में उपमुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल का आनंद ले रहे थे तब उनका नाम ‘होटल के बदले भूमि घोटाले’ में सामने आया था और नीतीश ने उस विवाद से नाराज होकर राजद-कांग्रेस गठबंधन से नाता तोड़ लिया था और भाजपा के साथ एक नई सरकार बनाई थी।
पिछले साल भाजपा पर अपनी पार्टी जदयू को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए नीतीश फिर से महागठबंधन में शामिल हो गए।