Debate On MNREGA: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी को मनरेगा पर बहस की चुनौती दी

डीएन ब्यूरो

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मनरेगा से संबंधित कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के दौरान इस योजना के लिए आवंटन और परिसंपत्ति निर्माण दोनों पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार से अधिक था। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह


नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मनरेगा से संबंधित कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए  कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के दौरान इस योजना के लिए आवंटन और परिसंपत्ति निर्माण दोनों पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार से अधिक था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार नोएडा में सरस मेला के मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए, सिंह ने गांधी के फेसबुक पोस्ट में मनरेगा बजट में कमी संबंधी आरोप को लेकर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि कांग्रेस नेता को इस तरह के ‘‘बेतुके आरोप’’ लगाने से पहले अपने तथ्यों और आंकड़ों को ठीक करना चाहिए।

उन्होंने ग्रामीण रोजगार योजना पर बहस के लिए गांधी को चुनौती भी दी।

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के 10 वर्षों में, मनरेगा के लिए बजट अनुमान (बीई) कभी भी 33,000 करोड़ रुपये से अधिक नहीं हुआ और ज्यादातर वित्तीय वर्षों में, ग्रामीण रोजगार योजनाओं के खराब कार्यान्वयन के कारण आवंटित धन लौटा दिया गया।

उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के तहत, योजना के लिए संशोधित अनुमान (आरई) हर साल बजट अनुमान से अधिक हो गया।

उन्होंने कहा कि इस साल भी 73,000 करोड़ रुपये का बजट अनुमान पहले ही संशोधित अनुमान में 89,400 करोड़ रुपये के आंकड़े को छू चुका है, क्योंकि ग्रामीण विकास मंत्रालय को 25,000 करोड़ रुपये में से 16,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।

मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार 2019-20 में बजट अनुमान 60,000 करोड़ रुपये और संशोधित अनुमान 71,000 करोड़ रुपये हो गया था, जबकि 2020-21 में 61,500 करोड़ रुपये का बजट अनुमान कोविड महामारी की पृष्ठभूमि में ग्रामीण आबादी के शहरों से गांवों की ओर जाने और काम की बढ़ती मांग के कारण संशोधित अनुमान एक लाख 11 हजार 500 करोड़ रुपये हो गया था, जोकि प्रारंभिक आवंटन के दोगुने से थोड़ा कम था।

बयान के अनुसार इसी तरह वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 73,000 करोड़ रुपये का बजट अनुमान 99,117 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

सिंह ने राहुल गांधी को संप्रग शासन के दौरान ग्रामीण रोजगार योजना के तहत हुए परिसंपत्ति निर्माण की जांच करने की चुनौती भी दी, जो केवल 17 प्रतिशत थी जबकि मोदी शासन के पिछले नौ वर्षों में, परिसंपत्ति-निर्माण पहले ही 60 प्रतिशत को पार कर चुका है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) केंद्र सरकार की ‘दमनकारी नीतियों’ का शिकार बनती जा रही है।

उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह भी कहा था कि पहले मनरेगा का बजट काटना तथा फिर मानदेय को आधार से जोड़ना, गरीबों की आमदनी पर वार है।

कांग्रेस नेता ने फेसबुक पोस्ट में कहा था, ‘‘मनरेगा भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की आधारशिला है। एक क्रांतिकारी नीति जिसने अनगिनत परिवारों को सहारा दिया है। करोड़ों परिवारों का घर चला रही मनरेगा योजना केन्द्र की दमनकारी नीतियों का शिकार बनती जा रही है।’’










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