संसदीय समिति ने देश में खनन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिये दिये ये खास सुझाव

संसद की एक समिति ने सुझाव दिया है कि खनन क्षेत्र के लिए अनुकूल निवेश माहौल को बढ़ावा देने के लिए कारोबारी सुगमता और प्रतिस्पर्धा में वृद्धि जैसे कारकों पर गौर किया जाना चाहिए। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 22 March 2023, 1:48 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: संसद की एक समिति ने सुझाव दिया है कि खनन क्षेत्र के लिए अनुकूल निवेश माहौल को बढ़ावा देने के लिए कारोबारी सुगमता और प्रतिस्पर्धा में वृद्धि जैसे कारकों पर गौर किया जाना चाहिए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार समिति ने खनन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करने के लिए निजी क्षेत्र को समायोजित करने के लिए खनन मंत्रालय के प्रयासों को भी स्वीकार किया।

कोयला, खान और इस्पात संबंधी स्थायी समिति ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा, ‘‘समिति को यह बताया गया है कि खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 में 2015 और 2021 में संशोधन का उद्देश्य खनिजों के उत्पादन को बढ़ाना और खानों का समयबद्ध संचालन, पट्टेदार के परिवर्तन के बाद भी खनन कार्यों में निरंतरता बनाए रखना और खनिज संसाधनों की खोज और नीलामी की गति को बढ़ाना है।’’

इन संशोधनों के परिणामस्वरूप हर जगह खनिज उत्पादन में वृद्धि हुई है और कई उद्योगों के लिए यह मजबूती प्रदान करेगा जो मुख्य रूप से खनन क्षेत्र द्वारा प्रदान किए गए कच्चे माल पर निर्भर हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन उपायों का उद्देश्य देश के विकास में सह-भागीदार के रूप में निजी क्षेत्र को शामिल करके खनिज क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ाना और अर्थव्यवस्था में व्यावसायिक अवसरों को बढ़ाना है।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘समिति को सूचित किया गया है कि खनन क्षेत्र में निजी क्षेत्र के लिए गुंजाइश और क्षमता मौजूदा कानून में व्यापक रूप से उपलब्ध है। इसके अलावा, राष्ट्रीय खनिज नीति (एनएमपी), 2019 में कहा गया है कि निजी क्षेत्र को अन्वेषण गतिविधियों को शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।’’

एनएमपी 2019 के अलावा, सरकार द्वारा किए गए हालिया सुधार भी खनिज क्षेत्र में निजी क्षेत्र द्वारा निवेश को प्रोत्साहित करते हैं।

समिति ने पाया कि निजी क्षेत्र खनिज उत्पादन में एक प्रमुख भूमिका निभाता है और 2021-22 (अनंतिम) में कुल मूल्य उत्पादन में लगभग 58.54 प्रतिशत या 77,713 करोड़ रुपये का योगदान है।

एक अप्रैल, 2022 तक, केंद्र के अधीन सार्वजनिक उपक्रमों के पास 94 खदानें, राज्यों के अधीन सार्वजनिक उपक्रमों के पास 144 खदानें और निजी क्षेत्र के साथ 2857 खदानें हैं, जबकि कुल 3095 खदानें हैं।

वर्ष 2021-22 के दौरान, गार्नेट, लोलाइट, सीसा और जस्ता अयस्क, ठोस सीसा, चूना शेल, मार्ल, मोल्डिंग रेत और सिलिसियस अर्थ का पूरा उत्पादन निजी क्षेत्र से था।

इसके अलावा, बॉक्साइट के मूल्य के संदर्भ में निजी क्षेत्र का योगदान 51 प्रतिशत, क्रोमाइट का 69 प्रतिशत, लौह अयस्क का 61 प्रतिशत और चूना पत्थर का 97 प्रतिशत रहा।

No related posts found.