राजस्थान: पुलिस ने सांसद मीणा को धरना स्थल से हटाया
राजस्थान पुलिस ने यहां एक थाने के बाहर धरने पर बैठे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद किरोड़ी लाल मीणा व उनके समर्थकों को बृहस्पतिवार को धरना स्थल से हटा दिया।
जयपुर: राजस्थान पुलिस ने यहां एक थाने के बाहर धरने पर बैठे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद किरोड़ी लाल मीणा व उनके समर्थकों को बृहस्पतिवार को धरना स्थल से हटा दिया।
पुलिस ने बताया कि इन लोगों को जयपुर के बाहरी इलाके में चाकसू पुलिस थाने ले जाया गया और रिहा कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा सदस्य मीणा जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) में कथित भ्रष्टाचार के मामले में दो प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर मंगलवार को यहां अशोक नगर थाने के सामने धरने पर बैठे थे। उनका आरोप है कि पुलिस ने 'मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया है।'
इस बीच नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ चाकसू थाने पहुंचे और घोषणा की कि पार्टी के सांसद और विधायक प्राथमिक दर्ज करने की मांग को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन देने के लिए पार्टी कार्यालय से राजभवन तक मार्च करेंगे।
मीणा ने जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) द्वारा संचालित जल जीवन मिशन परियोजनाओं से संबंधित निविदाओं के अनुदान में अनियमितता का आरोप लगाया है। वह अपने समर्थकों और शिकायतकर्ता के साथ मंगलवार शाम को अशोक नगर पुलिस स्टेशन के सामने धरने पर बैठ गए थे।
बृहस्पतिवार सुबह मीणा जब किसी काम से कुछ देर के लिए धरना स्थल से हटे तब पुलिस ने वहां अवरोधक लगा दिए और उनके समर्थकों की गाड़ियों को हटा दिया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘लौटने पर मीणा को तुरंत एक बस में बिठाया गया और चाकसू थाने ले जाया गया।’’
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धरना स्थल से हटाए जाने के दौरान भी मीणा ने अपना आरोप दोहराया कि वह और शिकायतकर्ता पीएचईडी विभाग से संबंधित ‘‘घोटालों’’ में मामला दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन आए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें दर्ज नहीं किया।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपों की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा की जानी थी और इसलिए सांसद को एसीबी के पास शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा गया था।
इस मामले में शिकायकर्ता की एक शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ‘जल जीवन मिशन’ की 48 परियोजनाओं में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर दो फर्मों को 900 करोड़ रुपये की नीविदा जारी की गई। शिकायतकर्ता टीएन शर्मा ने एक शिकायत में दो वरिष्ठ अधिकारियों का नाम लिया है, जबकि दूसरे में उन्होंने राजस्थान के पीएचईडी मंत्री महेश जोशी सहित अन्य का नाम लिया है।
मीणा के साथ एकजुटता दिखाने के लिए चाकसू पुलिस स्टेशन गए राजेंद्र राठौड़ ने संवाददाताओं से कहा, 'पार्टी विधायक और सांसद शुक्रवार को राजभवन जाएंगे और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग के साथ राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपेंगे।'
इस बीच भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में अंतर है।
जयपुर में मीडिया से बातचीत में सीपी जोशी ने कहा, ''आप (सीएम) राजस्थान की जनता को गुमराह कर रहे हैं। साफ़ दिख रहा है कि आपकी कथनी और करनी में अंतर है।’’
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उन्होंने पीएचईडी में घोटालों के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर भाजपा सांसद किरोड़ी मीणा के धरने के संदर्भ में यह टिप्पणी की।
जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार कहते हैं कि प्राथमिकी अनिवार्य रूप से दर्ज की जाती है लेकिन उनकी सरकार के घोटालों की प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है।
गौरतलब है कि पीएचईडी मंत्री महेश जोशी पहले ही आरोपों को खारिज कर चुके हैं। उनका कहना है कि टेंडर प्रक्रिया में किसी मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती है।
महेश जोशी ने कहा था ''मुझ पर लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। आरोप लगाना किरोड़ी मीणा की आदत बन गई है, अगर उनके पास सबूत है तो उन्हें इसे मुख्यमंत्री को देना चाहिए।’’