राजन बाबू की कहानी आपको कर देगी हैरान, कभी स्कूल नहीं गये लेकिन बने वैज्ञानिक, अब बनेंगे डॉक्टर

डीएन ब्यूरो

राजन बाबू ऐसे शख्स हैं जो कभी स्कूल नहीं गए, लेकिन उन्होंने इसरो में रॉकेट वैज्ञानिक के तौर पर काम किया और अब 59 साल की उम्र में डॉक्टर बनने के ख्वाहिशमंद हैं तथा मेडिकल में दाखिले की प्रवेश परीक्षा पास कर चुके हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

बैंगलुरू में विधायक सुरेश कुमार ने राजन बाबू से मुलाकात के बाद फेसबुक पर शेयर की उनकी स्टोरी
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नयी दिल्ली: आपने ऐसे बहुत से लोगों के बारे में सुना होगा जिन्होंने स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी, लेकिन जिंदगी में खूब सफल हुए। ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जिन्होंने नामी स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई की और समाज में अपना एक मुकाम बनाया।

आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में बात करने वाले हैं, जो कभी स्कूल नहीं गए, लेकिन उन्होंने इसरो में रॉकेट वैज्ञानिक के तौर पर काम किया और अब 59 साल की उम्र में डॉक्टर बनने के ख्वाहिशमंद हैं तथा मेडिकल में दाखिले की प्रवेश परीक्षा पास कर चुके हैं।

वर्ष 1963 में पैदा हुए राजन बाबू का जीवन संघर्ष और मजबूत इरादों की मिली-जुली दास्तान है। उनके पिता बीमार रहते थे, लिहाजा बचपन से ही उन्हें घर चलाने के लिए छोटे-मोटे काम करने पड़े।

वह पावरलूम में काम करके माता-पिता और बड़ी बहनों की जिम्मेदारी संभालते थे। पढ़ने का शौक था इसलिए मां ने एबीसीडी और दो दूनी चार सिखाया तो यही उनकी प्रारंभिक शिक्षा बन गई। थोड़े बड़े हुए तो वह खुद से अन्य विषयों की पढ़ाई करने लगे और जीवन अपनी रफ्तार से चलता रहा। (भाषा)










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