राहुल गांधी ने कर्नाटक में चुनावी सभा को किया संबोधित, कहा- सत्ता मिती तो कांग्रेस पहली बैठक में वादों को करेगी पूरा

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता में आएगी और नयी सरकार अपने चुनावी वादों को मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही औपचारिक रूप से मंजूरी देगी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

जनसभा को संबोधित करते राहुल गांधी
जनसभा को संबोधित करते राहुल गांधी


कोलार (कर्नाटक): कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता में आएगी और नयी सरकार अपने चुनावी वादों को मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही औपचारिक रूप से मंजूरी देगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक कांग्रेस द्वारा घोषित चुनावी ‘गारंटी’ में कहा गया है कि ‘गृह ज्योति’ के तहत हर महीने 200 यूनिट मुफ्त बिजली, ‘गृह लक्ष्मी’ योजना के तहत परिवार की प्रत्येक प्रमुख महिला को 2,000 रुपये प्रति माह, ‘अन्न भाग्य’ के तहत बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य को हर महीने 10 किलोग्राम चावल की पेशकश की जाएगी। इसके अलावा ‘युवा निधि’ के तहत बेरोजगार स्नातकों को प्रति माह 3,000 रुपये तथा डिप्लोमा धारकों को दो साल के लिए 1,500 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे।

गांधी ने 10 मई को होने वाले चुनाव से पहले यहां ‘जय भारत’ रैली के दौरान कहा, ‘‘इन योजनाओं को पहले दिन मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही मंजूरी दी जाएगी।’’

उन्होंने कर्नाटक के कांग्रेस नेताओं से पूरे देश में एक संदेश भेजने के लिए कहा ‘‘यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अडाणी को हजारों करोड़ रुपये दे सकते हैं, तो हम गरीबों और महिलाओं को पैसे दे सकते हैं।’’

गांधी ने कहा, ‘‘अगर आप खुले दिल से अडाणी की मदद कर सकते हैं, तो हम (कांग्रेस) खुले दिल से गरीब, बेरोजगार युवाओं और महिलाओं की मदद करेंगे। आप (प्रधानमंत्री मोदी) अपना काम कीजिए, हम अपना काम करेंगे।’’

उन्होंने ठेकेदारों और निजी स्कूलों को ‘‘40 प्रतिशत कमीशन’’ देने के लिए मजबूर करने के आरोपों, उप निरीक्षकों की भर्ती में अनियमितता समेत कथित भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर कर्नाटक में बसवराज बोम्मई सरकार पर भी निशाना साधा।

गांधी ने आरोप लगाया कि ठेकेदारों के संगठन ने प्रधानमंत्री को ‘‘40 प्रतिशत कमीशन’’ के मुद्दे पर एक पत्र लिखा था, लेकिन वह इस पर चुप रहे, जो एक ‘‘कबूलनामा’’ था कि वास्तव में भ्रष्टाचार हुआ।










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