आपातकालीन ऑक्सीजन के बिना उड़ा विमान, AIR India पर 1.10 करोड़ रुपये का जुर्माना

डीएन ब्यूरो

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कुछ लंबे मार्गों पर संचालित उड़ानों के संबंध में सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के लिए एयरलाइन एयर इंडिया पर 1.10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

AIR India पर बड़ा जुर्माना
AIR India पर बड़ा जुर्माना


नयी दिल्ली: नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कुछ लंबे मार्गों पर संचालित उड़ानों के संबंध में सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के लिए एयरलाइन एयर इंडिया पर 1.10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

नियामक ने एक हफ्ते में दूसरी बार एयर इंडिया पर जुर्माना लगाया है।

बुधवार को जारी बयान के अनुसार, नियामक को एयरलाइन एक पूर्व कर्मचारी से शिकायत मिली थी कि एयरलाइन ने आपातकालीन ऑक्सीजन आपूर्ति की अनिवार्य व्यवस्था के बिना अमेरिका के लिए बोइंग 777 विमान का परिचालन किया।

नियामक ने रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद विस्तृत जांच की। इसमें कुछ लंबी दूरी के महत्वपूर्ण मार्गों पर एयर इंडिया द्वारा संचालित उड़ानों में सुरक्षा उल्लंघन का आरोप लगाया गया था।

डीजीसीए ने कहा कि जांच में प्रथम दृष्टया एयरलाइन द्वारा गैर-अनुपालन का पता चलता है। इसके बाद एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

बयान में कहा गया, “डीजीसीए ने कार्रवाई करने से पहले भेजे गए कारण बताओ नोटिस पर एयरलाइन की प्रतिक्रिया का विश्लेषण किया।”

सुरक्षा रिपोर्ट एयर इंडिया द्वारा संचालित पट्टे पर दिए गए बोइंग 777 विमानों से संबंधित है।

डीजीसीए ने बयान में कहा, “चूंकि पट्टे पर लिए गए विमानों का परिचालन नियामक/ओईएम प्रदर्शन सीमाओं के अनुरूप नहीं था, इसलिए डीजीसीए ने प्रवर्तन कार्रवाई करते हुए एयर इंडिया पर 1.10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।”

जुर्माने पर एयर इंडिया की ओर से फिलहाल कोई बयान नहीं आया है।

बी777 कमांडर के रूप में काम करने वाले चालक ने 29 अक्टूबर, 2023 को आपातकालीन ऑक्सीजन आपूर्ति की आवश्यक प्रणाली नहीं ले जाने के लिए एयरलाइन के बारे में शिकायत की।

उस समय सूत्रों ने कहा था कि शिकायत यह थी कि एयर इंडिया पट्टे पर लिए गए बी777 विमानों के साथ उड़ानें संचालित कर रही है, जिसमें रासायनिक रूप से उत्पन्न ऑक्सीजन प्रणाली होती है जो लगभग 12 मिनट तक चलती है, और इसलिए इसका उपयोग एयरलाइन की सैन फ्रांसिस्को से आने-जाने वाली सीधी उड़ानों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।










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