पाकिस्तानी अदालत ने इस नेता को तत्काल रिहा करने का सुनाया आदेश, जानिये क्या है मामला

डीएन ब्यूरो

पाकिस्तान की एक अदालत ने मंगलवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को तत्काल रिहा किए जाने का आदेश दिया, जिन्हें नौ मई को हिंसक प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

पीटीआई  उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी
पीटीआई उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी


इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक अदालत ने मंगलवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को तत्काल रिहा किए जाने का आदेश दिया, जिन्हें नौ मई को हिंसक प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कुरैशी ने इमरान खान के शासन में 2018 से 2022 तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया। वह नौ मई को खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शनों के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए पीटीआई के शीर्ष नेताओं में से एक हैं। उनकी पहली गिरफ्तारी के बाद से उन्हें कई बार गिरफ्तार किया जा चुका है।

जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, लाहौर उच्च न्यायालय की रावलपिंडी पीठ ने मंगलवार को कुरैशी की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि पीटीआई नेता को सार्वजनिक व्यवस्था अध्यादेश के तहत अब और गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए।

सुनवाई करने वाली पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति चौधरी अब्दुल अजीज ने रावलपिंडी उपायुक्त के अध्यादेश संबंधी आदेशों को भी अवैध घोषित कर दिया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि कुरैशी को ज़मानत बांड जमा करने के लिए कहे बिना तुरंत रिहा किया जाए।

सुनवाई के दौरान अदालत ने विधि अधिकारी से पूछा कि क्या कुरैशी ने कोई भाषण दिया था या किसी विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।

अदालत ने विधि अधिकारी को पूर्व विदेश मंत्री के खिलाफ सबूत पेश करने का निर्देश देते हुए कहा, 'कोई भी राजनीतिक नेता राजनीतिक सभा में अपने शब्दों को नियंत्रित नहीं कर सकता।'

अधिकारी ने सबूत जमा करने के लिए दो दिन का समय मांगा। हालांकि, अदालत ने उन्हें सरकार से निर्देश लेने के एक घंटे के भीतर अदालत को अद्यतन करने का निर्देश दिया।

इसके बाद, अदालत ने सुनवाई एक घंटे के लिए स्थगित कर दी।

इस बीच, पंजाब पुलिस ने कुरैशी के खिलाफ मामलों पर एक रिपोर्ट पेश की।

रिपोर्ट के मुताबिक, कुरैशी के खिलाफ पूरे पंजाब में नौ मामले दर्ज हैं। इनमें से चार मामले लाहौर में दर्ज हैं, जबकि पांच मामले मुल्तान के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं।










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