OTT Platform: प्रसार भारती के लिए बन रहा OTT प्लेटफॉर्म,एफएम नीलामी की योजना बनाई

डीएन ब्यूरो

सरकार अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए इस साल एफएम रेडियो स्टेशनों की नए सिरे से नीलामी, ओटीटी प्लेटफॉर्म शुरू करने और ‘डायरेक्ट-टू-मोबाइल’ टेलीविजन प्रसारण के परीक्षण की योजना बना रही है। सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने यह जानकारी दी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

प्रसार भारती के लिए बन रहा OTT प्लेटफॉर्म
प्रसार भारती के लिए बन रहा OTT प्लेटफॉर्म


नयी दिल्ली: सरकार अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए इस साल एफएम रेडियो स्टेशनों की नए सिरे से नीलामी, ओटीटी प्लेटफॉर्म शुरू करने और ‘डायरेक्ट-टू-मोबाइल’ टेलीविजन प्रसारण के परीक्षण की योजना बना रही है। सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने यह जानकारी दी।

उन्होंने यहां ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग सोसाइटी एक्सपो को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम इस साल एफएम रेडियो स्टेशनों की नीलामी की दिशा में भी काम कर रहे हैं। हम इस साल टियर 2 और टियर 3 शहरों में एफएम रेडियो ले जाने की उम्मीद करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि हालांकि बड़ी संख्या में एफएम रेडियो स्टेशन हैं, लेकिन यह सेवा देश के केवल 60 प्रतिशत हिस्से में ही उपलब्ध है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार चंद्रा ने कहा कि सरकार ने वाम उग्रवाद वाले, सीमावर्ती और रणनीतिक क्षेत्रों सहित विभिन्न जगहों तक प्रसार भारती की पहुंच को व्यापक बनाने के वास्ते ‘प्रसारण आधारभूत रचना एवं नेटवर्क विकास’ (बीआईएनडी) योजना के लिए चार साल की अवधि में 2,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।

उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य देश में सार्वजनिक क्षेत्र के प्रसारण को बढ़ावा देना है और आकाशवाणी तथा दूरदर्शन सहित प्रसार भारती के बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करना है।

चंद्रा ने कहा कि आईआईटी-कानपुर और सांख्य लैब्स ने कर्तव्य पथ और आस-पास के क्षेत्रों में ट्रांसमीटर स्थापित किए हैं ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि टेलीविजन सिग्नल सीधे मोबाइल फोन पर कैसे प्रसारित किए जा सकते हैं।

उन्होंने कहा, 'अब आप सीधे अपने मोबाइल पर टेलीविजन सिग्नल प्राप्त कर सकते हैं। यह एक बहुत ही रोचक प्रौद्योगिकी है, जिसमें टेलीविजन मीडिया की पहुंच बढ़ाने की क्षमता है।'

चंद्रा ने कहा कि टेलीविजन सिग्नल प्राप्त करने के लिए मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं को अपने मोबाइल उपकरणों में एक विशेष डोंगल संलग्न करना होगा। उन्होंने कहा कि मोबाइल निर्माताओं को फोन उपकरणों में एक विशेष चिप लगाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा ताकि बिना डोंगल के टेलीविजन सिग्नल प्राप्त किए जा सकें।

चंद्रा ने कहा कि प्रसार भारती के पास बहुत सी अभिलेखीय फुटेज हैं, जिनका वह मुद्रीकरण नहीं कर सका है।

उन्होंने कहा, 'हम अब प्रसार भारती सामग्री के लिए एक ओटीटी मंच लाने की योजना बना रहे हैं। ताजा सामग्री, जैसे 'स्वराज' धारावाहिक ओटीटी मंच के अभाव में इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं है। हमारी योजना 2023-24 में ऐसा करने की है।'

प्रसार भारती के सदस्य (वित्त) डी पी एस नेगी ने कहा कि भारत में 2026 तक एक अरब स्मार्टफोन उपयोगकर्ता होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि ‘डायरेक्ट-टू-मोबाइल’ (डी2एम) प्रौद्योगिकी से बिना सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन के वीडियो और अन्य मल्टीमीडिया सामग्री को सीधे मोबाइल फोन पर प्रसारित किया जा सकेगा।

नेगी ने कहा, 'यह उसी तरह होगा जैसे एफएम रेडियो मोबाइल फोन पर काम करता है। डी2एम के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन एक बड़ी चुनौती होगा।'










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