उभरती प्रौद्योगिकियां शक्ति के नए आयाम के रूप में उभरें, तो आश्चर्य नहीं: जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि अगर महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियां (सीईटी) शक्ति के नए आयाम के रूप में उभरें, तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं होगी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
गांधीनगर: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि अगर महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियां (सीईटी) शक्ति के नए आयाम के रूप में उभरें, तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं होगी।
उन्होंने साथ ही जोड़ा कि सीईटी क्षेत्र में चिंता इस बात की है कि बाजार हिस्सेदारी किस तरह प्रभावित होती है और उत्पादन में प्रभुत्व का अन्य क्षेत्रों में क्या लाभ उठाया जाता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जयशंकर ने यहां आयोजित ‘सेमीकॉन इंडिया-2023’ कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि सीईटी के संबंध में आविष्कार और विनिर्माण, बाजार हिस्सेदारी, संसाधन और कौशल जैसे पहलू महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें |
भारत सीमा पर अपने बुनियादी ढांचे को गंभीरता के साथ मजबूत कर रहा
मंत्री ने यह भी कहा कि भारत जितना अधिक आत्मनिर्भर होगा, सेमीकंडक्टर उत्पादन में भी उसकी आत्मनिर्भरता उतनी अधिक होगी।
उन्होंने ‘महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में भारत की भूमिका’ विषय पर अपने संबोधन में कहा, ‘‘यह (सीईटी) ज्ञान अर्थव्यवस्था का एक आंतरिक तत्व है, जिसका प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। इसकी प्रमुख विशेषताओं में एक है कि यह प्रौद्योगिकियों को इतनी गहराई से जोड़ता है कि हमारे जीवन के सभी हिस्से इससे बहुत अधिक प्रभावित होते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके चलते अगर हमारी आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों की प्रकृति में बदलाव आता है, तो यह आश्चर्य की बात नहीं है कि महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकियां (सीईटी) ताकत के सबसे महत्वपूर्ण आयाम के रूप में उभरें।’’
यह भी पढ़ें |
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्रियों से कि मुलाकात
जयशंकर ने कहा कि सीईटी आज कई प्रमुख भागीदारों के साथ बातचीत का एक महत्वपूर्ण विषय है।