हिंसा प्रभावित मणिपुर में गोलीबारी में नौ और लोग घायल

डीएन ब्यूरो

हिंसा प्रभावित मणिपुर में इंफाल ईस्ट जिले के खामेनलोक क्षेत्र में उग्रवादियों तथा ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच सोमवार देर रात तक हुई गोलीबारी में नौ और लोग घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।

हिंसा प्रभावित मणिपुर (फाइल)
हिंसा प्रभावित मणिपुर (फाइल)


इंफाल: हिंसा प्रभावित मणिपुर में इंफाल ईस्ट जिले के खामेनलोक क्षेत्र में उग्रवादियों तथा ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच सोमवार देर रात तक हुई गोलीबारी में नौ और लोग घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पहले तीन लोगों के घायल होने की खबर थी। हालांकि दोनों पक्षों की ओर से गोलीबारी जारी रहने के कारण घायलों की संख्या बढ़ गई। अब दोनों ही पक्ष पीछे हट गए हैं।

उन्होंने बताया कि गांव के स्वयंसेवकों ने उग्रवादियों द्वारा बनाए गए कुछ अस्थायी बंकर और एक ‘वॉच-टॉवर’ में आग लगा दी थी।

यह क्षेत्र मेइती-बहुल इंफाल ईस्ट जिले और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमाओं से लगा है।

अधिकारी ने बताया कि हिंसा को रोकने के लिए इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती की गई है।

इलाके में सोमवार को गांव के स्वयंसेवकों और उग्रवादियों के बीच भारी गोलीबारी हुई। इससे पहले तीन दिन तक इलाके में कोई बड़ी घटना की सूचना नहीं मिली थी।

अधिकारी ने बताया कि एक अन्य घटना में बिष्णुपुर जिले के गोविंदपुर गांव में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक उग्रवादी मारा गया और दो अन्य घायल हो गए।

मणिपुर में करीब एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है और 310 अन्य घायल हुए हैं।

गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं।

मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं।

हिंसा प्रभावित मणिपुर के 16 जिलों में से 11 में अभी भी कर्फ्यू लगा है जबकि पूरे पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं।

 










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