Site icon Hindi Dynamite News

Navratri: जानिए मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा का महत्व

शारदीय नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करने का विधान है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
Navratri: जानिए मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा का महत्व

नई दिल्ली: कल यानी रविवार को शारदीय नवरात्रि (Navratri) का चौथा दिन है। इस दिन मां दुर्गा (Maa Durga) के चतुर्थ स्वरू कुष्मांडा (Kushmanda) की पूजा (Worshipped) की जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति को आयु, यश, बल और बुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। देवी भक्त के जीवन से दुख, रोग, कष्टट दूर कर देती हैं। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब सृष्टि का निर्माण नहीं हुआ था और चारों तरफ अंधकार था तब मां कुष्माण्डा ने अपनी हल्की सी मुस्कान से ही पूरे ब्रह्मांड की रचना की। 

कुष्मांडा पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां कुष्मांडा की पूजा करने से व्यक्ति को आयु, यश, बल और बुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. देवी भक्त के जीवन से दुख, रोग, कष्ट दूर कर देती हैं। मान्यता है कि मां कूष्मांडा ने सृष्टि की रचना की थी। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है कुम्हड़ा यानी पेठा की बलि देना। 

कब है चतुर्थी तिथि?
 वैदिक पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि की शुरुआत 6 अक्टूबर को 2. सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर होगी. वहीं, इसका समापन 7 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 47 मिनट पर होगा। 

मां कूष्मांडा की पूजा विधि 
1. ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नानआदि से निवृत हो जाएं। 
2. सुबह उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े धारण करें।
3. इसके बाद देवी कूष्मांडा  कुमकुम, मौली, अक्षत, पान के पत्ते, केसर और शृंगार अर्पित करें।
4. धूप दीप जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और अंत में मां कूष्मांडा की आरती करें.

मां कूष्मांडा की स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अगर आप युवा है और नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो आप हमारी 'युवा डाइनामाइट' को विजिट कर सकते हैं। 
https://www.yuvadynamite.com/

Exit mobile version