Money Laundering Case: पूर्व विशेष न्यायाधीश के खिलाफ ईडी के कुर्की आदेश को दी मंजूरी

डीएन ब्यूरो

धन शोधन मामले में गिरफ्तार हरियाणा के पंचकुला में तैनात पूर्व विशेष पीएमएलए न्यायाधीश के रिश्तेदारों और दोस्तों की सात करोड़ रुपये से अधिक की दो संपत्तियां जल्द ही जब्त की जा सकती हैं, क्योंकि निर्णायक प्राधिकार ने जब्ती आदेश को मंजूरी दे दी है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

ईडी के कुर्की आदेश को दी मंजूरी
ईडी के कुर्की आदेश को दी मंजूरी


नयी दिल्ली: धन शोधन मामले में गिरफ्तार हरियाणा के पंचकुला में तैनात पूर्व विशेष पीएमएलए न्यायाधीश के रिश्तेदारों और दोस्तों की सात करोड़ रुपये से अधिक की दो संपत्तियां जल्द ही जब्त की जा सकती हैं, क्योंकि निर्णायक प्राधिकार ने जब्ती आदेश को मंजूरी दे दी है। प्रवर्तन निदेशालय ने रविवार को यह जानकारी दी।

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केंद्रीय एजेंसी ने पिछले साल अगस्त में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत जारी एक अनंतिम आदेश के तहत संपत्तियों को कुर्क किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बयान में कहा कि पीएमएलए के निर्णायक प्राधिकार ने 18 जनवरी को उक्त कुर्की आदेश की पुष्टि की।

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बयान के मुताबिक पता चला कि संपत्तियां सुधीर परमार और अन्य के मामले में अपराध की आय से अर्जित की गईं। कुर्क की गई संपत्तियों में दो अचल संपत्तियां शामिल हैं, जो आरोपी पूर्व-पीएमएलए न्यायाधीश सुधीर परमार के रिश्तेदारों, दोस्तों के नाम पर थीं।’’ इसमें कहा गया है कि संपत्ति का मूल्य 7.59 करोड़ रुपये है।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पीएमएलए के अनुसार, एक बार ईडी के अनंतिम कुर्की आदेश की निर्णायक प्राधिकार द्वारा पुष्टि हो जाने के बाद, एजेंसी इसे जब्त करने के लिए कदम उठा सकती है। ईडी और सीबीआई मामलों की सुनवाई के लिए पंचकुला अदालत में तैनात पूर्व विशेष न्यायाधीश परमार को न्यायिक अधिकारी के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप से जुड़े धन शोधन मामले के तहत अगस्त में ईडी ने गिरफ्तार किया था।

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एजेंसी ने इस मामले में अगस्त और अक्टूबर, 2023 में पंचकुला की विशेष अदालत में दो आरोपपत्र दाखिल किए थे। ईडी ने दावा किया, ‘‘न्यायाधीश को आईआरईओ ग्रुप और एम3एम ग्रुप के मालिकों और प्रवर्तकों को फायदा पहुंचाने के लिए उनसे 5-7 करोड़ रुपये की अवैध रिश्वत मिली।’’

एजेंसी ने दावा किया, ‘‘न्यायाधीश को कथित तौर पर रोहित सिंह तोमर से उनकी स्वामित्व वाली फर्म के माध्यम से न्यायाधीश के रिश्तेदारों के बैंक खातों में बिना किसी दस्तावेज के ऋण के रूप में रिश्वत प्राप्त हुई थी।’’

धन शोधन का मामला अप्रैल, 2023 में हरियाणा पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा सुधीर परमार, उनके भतीजे अजय परमार और एम3एम समूह के प्रमोटर रूप कुमार बंसल के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है।










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