सुकमा में मारे गए नक्सलियों के खिलाफ 34 से अधिक घटनाओं में शामिल होने का आरोप: पुलिस

डीएन ब्यूरो

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सोमवार को हुई मुठभेड़ को लेकर माओवादियों द्वारा सवाल उठाने के बाद पुलिस ने कहा है कि मारे गए दोनों नक्सली क्षेत्र में सक्रिय थे और उनपर 34 से अधिक नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है।

नक्सली घटना (फाइल)
नक्सली घटना (फाइल)


रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सोमवार को हुई मुठभेड़ को लेकर माओवादियों द्वारा सवाल उठाने के बाद पुलिस ने कहा है कि मारे गए दोनों नक्सली क्षेत्र में सक्रिय थे और उनपर 34 से अधिक नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है।

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की पुलिस ने सोमवार को बताया था कि जिले के भेजी थाना क्षेत्र के अंतर्गत दंतेशपुरम गांव के जंगल में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में दो नक्सलियों मड़कम एर्रा और पोडियम भीमे को मार गिराया है।

मंगलवार को माओवादियों के दक्षिण बस्तर डिविजनल कमेटी ने कथित तौर पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मुठभेड़ पर सवाल उठाया है।

माओवादियों द्वारा मुठभेड़ को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी करने के बाद पुलिस ने मंगलवार को एक बयान जारी कर माओवादियों के दावों को खारिज किया।

पुलिस ने अपने बयान में कहा कि प्रतिबंधित और गैर कानूनी सीपीआई (माओवादी) के दरभा डिवीजन के सचिव ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दंतेशपुरम में नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ के संदर्भ में कई सवाल खड़े करते हुये इसकी निंदा की।

पुलिस के बयान में कहा गया है कि इस संबंध में वास्तविकता यह है कि सोमवार को मुठभेड़ के बाद बरामद किए गए माओवादियों के शव की शिनाख्ती गोलापल्ली एलओएस कमांडर मड़कम एर्रा तथा एलओएस सदस्य पोड़ियम भीमे के रूप में की गई।

पुलिस के मुताबिक दोनों माओवादी निर्दोष ग्रामीणों की हत्या, सुरक्षा बलों के ऊपर हमला, शासकीय संपत्ति को क्षति पहुंचाने, आगजनी, आईईडी विस्फोट जैसे कुल 34 से अधिक आपराधिक घटनाओं में शामिल रहे हैं।

वहीं बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा, ''कुछ दिनों से माओवादियों का आधार क्षेत्र सिमटता जा रहा है, अब माओवादी झूठे प्रचार और अनर्गल प्रचार-प्रसार का सहारा लेकर अपने संगठन के गिरते हुये मनोबल को संभालने का असफल प्रयास कर रहे हैं।''

सुंदरराज ने कहा कि इस महीने की सात तारीख को तेलंगाना राज्य के चेरला थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई मुठभेड़ तथा सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र, उड़ीसा और अन्य स्थानों में हुई मुठभेड़ों पर भी माओवादियों ने सवाल खड़ा करते हुए जनता को गुमराह करने का प्रयास किया था।

सुंदरराज ने कहा कि उनके द्वारा प्रेस विज्ञप्ति माओवादियों के दोहरे चरित्र को भी उजागर करता है, जिन्होंने बस्तर क्षेत्र के 17 सौ से अधिक निर्दोष नागरिकों को बर्बर तरीके से मार डाला है।

 










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