Maharashtra Politics: महाराष्ट्र बन रहा सियासी का प्रयोगशाला का नया हब? चार साल में चार उलटफेर, जब 80 घंटे चली सरकार, जानिये पूरे राजनीतिक मायने
महराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार के महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और उनके कई सहयोगियों के मंत्रियों के रूप में रविवार को शपथ ली। इसके साथ ही राज्य में 2019 से राजभवन में चार शपथग्रहण समारोह हो चुके हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में सोमवार को अचानक बड़ा उथल-पुथल सामने आया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार के महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और उनके कई सहयोगियों के मंत्रियों के रूप में रविवार को शपथ ली। इसके साथ ही राज्य में 2019 से राजभवन में चार शपथग्रहण समारोह हो चुके हैं।
राज्य में नवंबर 2019 में विधानसभा चुनाव और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा शिवसेना के बीच गठबंधन टूटने के बाद, राजभवन में आयोजित हुए एक समारोह में भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस और राकांपा नेता अजित पवार ने क्रमशः मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
यह सरकार केवल 80 घंटे तक चली थी क्योंकि पवार अपनी पार्टी में विभाजन नहीं करा सके।
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शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने एक महीने के भीतर तब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जब उनकी पार्टी ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिला लिया। इसके बाद अजित पवार राकांपा में वापस लौट आए और इस सरकार में उपमुख्यमंत्री बने।
ठाकरे के खिलाफ एकनाथ शिंदे और 39 विधायकों के विद्रोह तथा शिवसेना के विभाजित होने के बाद पिछले साल जून में एमवीए सरकार गिर गई थी।
शिंदे ने पिछले साल 30 जून को भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस बार फड़णवीस उपमुख्यमंत्री बने।
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पहले तीन शपथग्रहण समारोहों के समय भगत सिंह कोश्यारी राज्यपाल थे, लेकिन रविवार को हुए शपथग्रहण समारोह के समय रमेश बैस राज्यपाल हैं।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के कुछ महीने बाद अगले साल अक्टूबर के आसपास होने की संभावना है।