‘रेलवे में नौकरी के बदले जमीन’ मामला : ईडी ने तेजस्वी यादव को नया समन जारी किया

डीएन ब्यूरो

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘रेलवे में नौकरी के बदले जमीन’ घोटाला मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को एक नया समन जारी कर उन्हें पांच जनवरी 2024 को पेश होने को कहा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

ईडी ने तेजस्वी यादव को नया समन जारी किया
ईडी ने तेजस्वी यादव को नया समन जारी किया


नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘रेलवे में नौकरी के बदले जमीन’ घोटाला मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को एक नया समन जारी कर उन्हें पांच जनवरी 2024 को पेश होने को कहा है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इससे पहले, ईडी ने तेजस्वी (34) को 22 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन वह पेश नहीं हुए थे। तेजस्वी ने ईडी के नोटिस को नियमित प्रक्रिया बताया था।

तेजस्वी के पिता और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव (75) को इस मामले में 27 दिसंबर को दिल्ली में ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है।

यह कथित घोटाला उस समय का है जब लालू प्रसाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के पहले कार्यकाल में रेल मंत्री थे।

आरोप है कि 2004 से 2009 तक, भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन में समूह ‘डी’ पदों पर कई व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था और बदले में, इन व्यक्तियों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी ए. के. इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित की थी।

राजद नेता ने 21 दिसंबर को पटना में कहा, ‘‘समन में कुछ भी नया नहीं है। इन सभी एजेंसियों - ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग ने मुझे पहले भी कई बार बुलाया है और मैं हर बार विधिवत तरीके से पेश हुआ हूं। लेकिन अब ऐसा लगता है कि ये एक नियमित प्रक्रिया हो गयी है। ’’

इस मामले में ईडी 11 अप्रैल को तेजस्वी यादव से करीब आठ घंटे तक पूछताछ कर चुकी है

यह समन लालू प्रसाद परिवार के एक कथित 'करीबी सहयोगी' अमित कात्याल से पूछताछ के बाद आया है। कात्याल को ईडी ने नवंबर में गिरफ्तार किया था। ईडी ने पहले एक बयान में दावा किया था कि कात्याल इस कंपनी के निदेशक थे, जब इसने 'लालू प्रसाद की ओर से' अभ्यर्थियों से जमीन हासिल की थी।

एजेंसी ने आरोप लगाया था, ‘‘कंपनी का पंजीकृत पता डी-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, नयी दिल्ली है, जो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों का घर है।’’

इसने कहा, ‘‘लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे, तब उनके द्वारा अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले में अमित कात्याल ने उक्त कंपनी में कई अन्य जमीन भी ली थीं।’’

ईडी के अनुसार, भूमि प्राप्त करने के बाद, उक्त कंपनी के शेयर 2014 में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को 'हस्तांतरित' कर दिए गए थे।

पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया ईडी का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत से उपजा है।

प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को इस मामले में सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के बाद अक्टूबर में एक निचली अदालत द्वारा जमानत दे दी गई थी।

राजद विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का एक घटक दल है जो 2024 के आगामी आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबले की तैयारी में जुटा है।

सीबीआई के अनुसार, नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में नियुक्त किया गया था।

इसने आरोप लगाया कि इसके बदले में, अभ्यर्थियों ने, सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से, कथित तौर पर लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची।

पिछले कुछ महीनों में, ईडी ने इस मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटियों मीसा भारती (राज्यसभा में राजद सदस्य), चंदा यादव और रागिनी यादव के बयान दर्ज किए हैं।










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