Aditya-L1 Mission: जानिये सूरज के कितने करीब पहुंचा आदित्य-एल1, इसरो को करना पड़ा प्रक्षेपण पथ में सुधार, पढ़ें पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को कहा कि उसने देश के पहले सौर मिशन आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण पथ संशोधन संबंधी प्रक्रिया (टीसीएम) को पूरा कर लिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

इसरो ने किया  प्रक्षेपण पथ में संशोधन
इसरो ने किया प्रक्षेपण पथ में संशोधन


बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को कहा कि उसने देश के पहले सौर मिशन आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण पथ संशोधन संबंधी प्रक्रिया (टीसीएम) को पूरा कर लिया है।

इसरो ने यह भी कहा कि अंतरिक्ष यान ठीक तरीके से काम कर रहा है। इसरो ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘‘अंतरिक्ष यान बिल्कुल सही स्थिति में है और सूर्य की तरफ बढ़ रहा है। छह अक्टूबर को इसके प्रक्षेपण पथ में लगभग 16 सेकंड के लिए सुधार किया गया था। इसे ट्राजेस्टरी करेक्शन मैनुवर (टीसीएम) कहा जाता है।’’

इसरो ने कहा कि 19 सितंबर, 2023 को किए गए ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट1 इंसर्शन (टीएल1आई) को ट्रैक करने के बाद मूल्यांकन किए गए प्रक्षेपण पथ को सही करने के लिए इसकी आवश्यकता थी।

आदित्य-एल1 को सूर्य-पृथ्वी के लैग्रेंजियन बिंदु (एल1) से अवलोकन के लिए तैयार किया गया है। एल1 पृथ्वी से लगभग 15 लाख किमी दूर स्थित है।

इसरो के अनुसार, टीसीएम प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि अंतरिक्ष यान एल1 के आसपास ‘हेलो’ कक्षा में प्रवेश की दिशा में अपने निर्धारित पथ पर है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे आदित्य-एल1 आगे बढ़ता रहेगा, मैग्नेटोमीटर कुछ दिनों के भीतर फिर से चालू हो जाएगा।’’

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक आदित्य एल1 को दो सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया था। अंतरिक्ष यान के 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किमी की दूरी तय करने के बाद, लैग्रेंजियन बिंदु एल1 के आसपास एक ‘हेलो’ कक्षा में स्थापित होने की उम्मीद है जिसे सूर्य के सबसे करीब माना जाता है। यह विभिन्न अध्ययनों समेत वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए सूर्य की तस्वीरें भी भेजेगा।










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