

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहे संबंधित विभागों को योजनाओं से लाभांवित होने वाली कंपनियों के साथ चर्चा कर उनकी समस्याओं से अवगत होने को कहा है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहे संबंधित विभागों को योजनाओं से लाभांवित होने वाली कंपनियों के साथ चर्चा कर उनकी समस्याओं से अवगत होने को कहा है।
अधिकारियों ने कहा कि मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को पीएलआई योजना पर आयोजित एक कार्यशाला के दौरान यह सुझाव दिया गया। इस दौरान अपने क्षेत्र में पीएलआई योजना चलाने वाले विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया कि लाभार्थी कंपनियां अपना निवेश पूरा करने के साथ उत्पादन लक्ष्य भी हासिल करें।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह बैठक इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि सरकार ने पीएलआई योजना के तहत मार्च, 2023 तक मिले 3,400 करोड़ रुपये के दावों में से केवल 2,900 करोड़ रुपये का ही वितरण किया है।
सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2021 में 14 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना की घोषणा की थी। इसके लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
एक अधिकारी ने कहा, 'संबंधित मंत्रालयों को सुझाव दिया गया है कि वे पीएलआई की लाभार्थी कंपनियों को परामर्श के लिए बुलाएं और इस दौरान कोई मुद्दा उठाया जाता है तो वे इससे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को अवगत कराएं ताकि उन मुद्दों को उच्चतम अधिकारियों के साथ उठाया जा सके।'
इस योजना के समन्वय की जिम्मेदारी संभालने वाले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने पीएलआई लाभार्थियों से भी कहा है कि वे योजना से संबंधित किसी भी मुद्दे को संबंधित मंत्रालय या विभाग के साथ चर्चा में उठाएं।
कार्यशाला में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पीएलआई योजना की नीतियों, प्रक्रियाओं और प्रभावशीलता के बारे में उद्योग जगत से प्रतिक्रिया और सहयोग देने का अनुरोध किया।
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