भारतीय शराब निर्माताओं ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में समान अवसर की मांग रखी

डीएन ब्यूरो

भारतीय शराब निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले निकाय ने अगले वित्त वर्ष के लिए आगामी आबकारी नीति में कारोबारी सुगमता को बढ़ाने, नए उत्पाद पेश करने की प्रक्रिया को आसान बनाने और सभी परिचालन प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण का आग्रह किया

फ़ाइल फोटो
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नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) शराब बनाने वाली भारतीय कंपनियों के संगठन सीआईएबीसी ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर भारत में बने उत्पादों को समान अवसर देने की मांग की है।

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कंफेडरेशन ऑफ इंडियन एल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने दिल्ली सरकार की आगामी आबकारी नीति 2023-24 में भारतीय कंपनियों के खिलाफ कथित रूप से भेदभावकारी और आयात को बढ़ावा देने वाले नियमों को हटाने की मांग की है।

भारतीय शराब निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले निकाय ने अगले वित्त वर्ष के लिए आगामी आबकारी नीति में कारोबारी सुगमता को बढ़ाने, नए उत्पाद पेश करने की प्रक्रिया को आसान बनाने और सभी परिचालन प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण का आग्रह किया।

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सीआईएबीसी ने कहा, ''ये पुरानी विनियामक विसंगतियां हैं, जब भारत को निम्न-गुणवत्ता वाला शराब निर्माता माना जाता था। मसलन, आयातित व्हिस्की के लिए लाइसेंस शुल्क 50,000 रुपये प्रति वर्ष है, लेकिन यदि वही उत्पाद भारत में बनाया जाता है, तो यह राशि 25 लाख रुपये न्यूनतम है।''

निकाय ने कहा कि दिल्ली सरकार की नवंबर 2021 की आबकारी नीति ने इन मुद्दों का समाधान किया था, लेकिन इसे वापस लेने के साथ बात फिर पुरानी स्थिति में पहुंच गई है।










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