केंद्रीय कोष में कमी की वजह से दिल्ली का राजस्व बढ़ाना प्रमुख चिंता : वित्तमंत्री गहलोत

दिल्ली के वित्तमंत्री कैलाश गहलोत ने केंद्र शासित प्रदेश के लिए अगले वित्तवर्ष का बजट पेश करने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय अनुदान में कमी के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार की सबसे बड़ी चिंता राजस्व में इजाफा करना है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 23 March 2023, 6:58 PM IST
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नयी दिल्ली:  दिल्ली के वित्तमंत्री कैलाश गहलोत ने केंद्र शासित प्रदेश के लिए अगले वित्तवर्ष का बजट पेश करने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय अनुदान में कमी के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार की सबसे बड़ी चिंता राजस्व में इजाफा करना है।

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और उपराज्यपाल द्वारा बार-बार हस्तक्षेप करने की वजह से आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को अदालतों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

गहलोत ने बुधवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए दावा किया था कि केंद्रीय कर पूल से दिल्ली को 325 करोड़ रुपये दिया जा रहा है जबकि यहां से 1.75 लाख करोड़ रुपये आयकर जमा हो रहा है।

उन्होंने वित्तवर्ष 2023-24 के हवाले से कहा कि यहां तक कि 325 करोड़ रुपये भी दिल्ली को नहीं दिए जा रहे हैं। दिल्ली के वित्तमंत्री ने इसे ‘‘ आर्थिक भेदभाव’ और ‘‘ घोर अन्याय’’करार दिया।

गहलोत ने ‘पीटीआई-भाषा’को दिए गए साक्षात्कार में कहा, ‘‘यह हमारा अधिकार है। दिल्ली के कर में हमारा हिस्सा है। हम अदालत जाने पर विचार कर रहे हैं।’’

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अदालत का रुख करेंगे तो गहलोत ने कहा, ‘‘ हमें हर काम के लिए अदालत जाना पड़ता है।’’

अपने बजट भाषण के दौरान गहलोत ने कहा था कि वह पूर्व वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया की कमी महसूस कर रहे हैं जिन्हें दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले के सिलसिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह अनुभव (बजट पेश करने का) शानदार था लेकिन हम मनीष सिसोदिया की कमी महसूस कर रहे थे। न केवल केजरीवाल सरकार बल्कि पूरी दिल्ली उनकी कमी महसूस कर रही थी क्योंकि सिसोदिया और दिल्ली का बजट एक दूसरे का पर्याय बन गए थे।’’

गौरतलब है कि केंद्र और आप सरकार में विभिन्न मदों में आवंटन को लेकर हुए खींचतान की वजह से दिल्ली का बजट एक दिन की देरी से बुधवार को पेश किया गया।

गहलोत ने कहा, ‘‘ यहां कुछ भी आसान नहीं है फिर चाहे दिल्लीवालों को योग का प्रशिक्षण देना हो, शिक्षकों को फिनलैंड भेजना हो या स्वयं मुख्यमंत्री को सिंगापुर जाना हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम दिल्ली वालों से किए गए वादों को लेकर प्रतिबद्ध हैं और उन्हें पूरा करेंगे भले हमें उनसे (केंद्र) लड़ना पड़े।’’

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