अबू धाबी में दिखा हिंदी का दम, अरबी और अंग्रेजी के बाद बनी अदालत की तीसरी आधिकारिक भाषा

हिंदी विश्व की पांच सबसे प्रभावशाली भाषाओं में शुमार है। अब इसका प्रभाव अबू धाबी में भी दिखने लगा है जहां ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अबू धाबी ने इसे अरबी और अंग्रेजी के बाद अदालत की तीसरी आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 10 February 2019, 6:18 PM IST
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नई दिल्ली: अबू धाबी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अरबी और अंग्रेजी के बाद हिंदी को अपनी अदालतों में तीसरी आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल कर लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार न्याय को विस्तार देने के लिहाज से यह कदम उठाया गया है। 

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हिंदी भाषी लोगों की सहूलियत के लिए उठाया गया कदम
अबू धाबी न्याय विभाग (एडीजेडी) का कहना है कि यह फैसला लेने का मकसद हिंदी भाषी लोगों को मुकदमे की प्रक्रिया, उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में सीखने में मदद करना है।

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एडीजेडी ने शनिवार को दिए बयान में कहा कि उसने अरबी और अंग्रेजी के साथ हिंदी भाषा को शामिल करके अदालती कार्रवाई का भाषा के माध्यम का विस्तार कर दिया है। 
एडीजेडी के अवर सचिव युसूफ सईद अल अब्री ने कहा कि दावा शीट, शिकायतों और अनुरोधों के लिए बहुभाषा लागू करने का मकसद प्लान 2021 की तर्ज पर न्यायिक सेवाओं को बढ़ावा देना और मुकदमे की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाना है। 

आबादी का 30 प्रतिशत हैं भारतीय लोग

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात की आबादी का करीब दो तिहाई हिस्सा विदेशों के प्रवासी लोग हैं। संयुक्त अरब अमीरात में कुल आबादी के 30 प्रतिशत लोग भारतीय हैं। यहां भारतीय लोगों की संख्या करीब 26 लाख है।    

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