हाई कोर्ट ने सूचीबद्ध कंपनियों की ऑनलाइन निविदाओं को चुनौती देने संबंधी यचिका पर एनसीईआरटी से जवाब मांगा

डीएन ब्यूरो

दिल्ली उच्च न्यायालय ने नयी किट ‘जादुई पिटारा’ की वस्तुओं की आपूर्ति के लिए वर्तमान में सूचीबद्ध कंपनियों की ऑनलाइन निविदाओं को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से जवाब मांगा है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
दिल्ली हाई कोर्ट (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने नयी किट ‘जादुई पिटारा’ की वस्तुओं की आपूर्ति के लिए वर्तमान में सूचीबद्ध कंपनियों की ऑनलाइन निविदाओं को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से जवाब मांगा है।

एनसीईआरटी ने ‘जादुई पिटारा’ किट विकसित की है।

याचिका में दावा किया गया है कि एनसीईआरटी ने शुद्धिपत्र जारी करते समय निविदा कर्ताओं के लिए पात्रता शर्तों और अन्य आवश्यकताओं के संबंध में एकतरफा और पक्षपातपूर्ण मानदंड निर्धारित किए हैं।

याचिका न्यायमूर्ति अमित महाजन की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की गई। पीठ ने शिक्षा मंत्रालय और एनसीईआरटी को याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा।

‘यूनिवर्सल सेल्स’ कंपनी 2013 से खिलौनों के निर्माण और वितरण के क्षेत्र में काम कर रही है और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत पंजीकृत है। यूनिवर्सल सेल्स के मालिक समित खन्ना ने कहा कि वह सूचीबद्ध फर्म के मानदंडों को छोड़कर एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित सभी मानदंडों को पूरा करते हैं।

वकील जूही अरोड़ा के जरिये दायर याचिका में कहा गया है, ‘‘प्रतिवादी संख्या 2 द्वारा निर्धारित एकतरफा मानदंडों के कारण, याचिकाकर्ता अपनी तकनीकी-वाणिज्यिक बोली जमा करने में सक्षम नहीं है।’’

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इसमें आरोप लगाया गया है, ‘‘प्रतिवादी संख्या दो द्वारा निर्धारित एकतरफा मानदंड पारदर्शिता, निष्पक्षता, प्रतिस्पर्धा, अर्थव्यवस्था, दक्षता और जवाबदेही के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है।’’










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