स्वास्थ्य मंत्री ने पीड़ित परिवार से की मुलाकात, केरल में रेप के बाद बर्बर तरीक से हुई थी बच्ची की हत्या

डीएन ब्यूरो

केरल सरकार की एक मंत्री और सत्तारूढ़ गठबंधन एलडीएफ के संयोजक ने उस पांच वर्षीय बच्ची के परिवार से मुलाकात की, जिसकी यहां के पास अलुवा में बलात्कार के बाद बर्बर तरीक से हत्या कर दी गई थी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने पीड़ित बच्ची के परिवार से मुलाकात
केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने पीड़ित बच्ची के परिवार से मुलाकात


कोच्चि: केरल सरकार की एक मंत्री और सत्तारूढ़ गठबंधन एलडीएफ के संयोजक ने उस पांच वर्षीय बच्ची के परिवार से मुलाकात की, जिसकी यहां के पास अलुवा में बलात्कार के बाद बर्बर तरीक से हत्या कर दी गई थी।

बच्ची के अंतिम संस्कार में केरल सरकार के किसी प्रतिनिधि के मौजूद नहीं होने की विभिन्न तबकों में आलोचना के बीच दोनों नेताओं ने उसके परिवार से मुलाकात की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने रविवार देर रात पीड़ित परिवार से मुलाकात की। बच्ची के अंतिम संस्कार में या जब उसके शव को पास के एक स्कूल में रखा गया था, सरकार की ओर से किसी प्रतिनिधि के उपस्थित नहीं होने की व्यापक आलोचना हुई।

जार्ज के बाद सोमवार सुबह एलडीएफ संयोजक ई पी जयराजन ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की।

जयराजन ने अलुवा में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि पुलिस की कोई विफलता नहीं रही क्योंकि बच्ची के लापता होने की सूचना मिलने के बाद उसने शीघ्र ही अपराधी को पकड़ लिया।

उन्होंने आग्रह किया कि इस दुखद घटना का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

पीड़िता के पिता को भी केरल सरकार एवं पुलिस से कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने कहा, 'मुझे राज्य सरकार और पुलिस से कोई शिकायत नहीं है। लोगों का कहना है कि इस घटना में और भी लोग शामिल हैं। मैं चाहता हूं कि उन सभी को जल्दी पकड़ लिया जाए।'

उन्होंने आरोपी असफाक आलम को मृत्युदंड दिए जाने की भी मांग की।

इस बीच, उत्पाद शुल्क विभाग ने उस क्षेत्र में आरोपियों के घर सहित प्रवासी श्रमिकों के शिविरों का निरीक्षण किया, जहां यह घटना हुई है।

एक उत्पाद शुल्क अधिकारी ने समाचार चैनलों को बताया कि एजेंसी ने अलुवा में 50 ऐसे स्थानों की पहचान की है जहां प्रवासी श्रमिक रहते हैं और उन सभी स्थानों पर एक साथ पड़ताल की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह एक सतत प्रक्रिया है और पिछले कुछ समय से एर्नाकुलम जिले के विभिन्न हिस्सों में यह अभियान चलाया जा रहा है।

इस घटना के बाद कांग्रेस नीत विपक्षी गठबंधन यूडीएफ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में पुलिस निगरानी की कथित कमी को लेकर वाम सरकार पर तीखा हमला बोला है। इस आलोचना के बीच प्रदेश की वाम सरकार ने रविवार को घोषणा की कि वह प्रवासी श्रमिकों के पंजीकरण को अनिवार्य बनाने के लिए एक कानून बनाने पर विचार कर रही है।

बिहार के एक कामगार ने शुक्रवार को कथित तौर पर बच्ची को अगवा किया था और दुष्कर्म के बाद बर्बर तरीके से उसकी हत्या कर दी थी। आरोपी कामगार और पीड़ित बच्ची का परिवार एक ही इमारत में रहते थे। पीड़ित का परिवार भी बिहार का ही रहने वाला है।

बच्ची का शव शनिवार को एक बाजार में बोरे में मिला था। आरोपी को शुक्रवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन उससे पूछताछ नहीं की जा सकी थी क्योंकि वह नशे की हालत में था।

केरल के पुलिस प्रमुख एस दरवेश साहेब ने लगाए गए आरोपों को खारिज किया और कहा कि जांचकर्ताओं की ओर से कोई चूक नहीं हुई है।

केरल पुलिस ने शनिवार को अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट के जरिए पीड़ित परिवार से माफी मांगी और कहा कि बच्ची को उसके परिवार से मिलाने की उसकी कोशिशें सफल नहीं हो सकीं।










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