कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता पद की दौड़ में चार से पांच विधायक शामिल: अशोक
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री आर. अशोक ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह और चार-पांच अन्य विधायक कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता पद की दौड़ में शामिल हैं तथा जिन्हें भी चुना जायेगा, वह सभी को स्वीकार्य होंगे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
बेंगलुरु: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री आर. अशोक ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह और चार-पांच अन्य विधायक कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता पद की दौड़ में शामिल हैं तथा जिन्हें भी चुना जायेगा, वह सभी को स्वीकार्य होंगे।
भाजपा विधायक दल की बैठक शुक्रवार को होनी है और इसमें विधायक दल के नेता के नाम की घोषणा होने की संभावना है, जो विधानसभा में विपक्ष का नेता भी होगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार यह पूछे जाने पर कि इस पद के लिए उनके नाम के साथ-साथ विधायकों सुनील कुमार, अश्वत्थ नारायण और अरागा ज्ञानेंद्र के नाम की चर्चा है, अशोक ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे नहीं पता, फैसला पार्टी को करना है। पार्टी जिसका नाम तय करेगी, उसे पद मिलेगा। हममें से किसी ने भी आवेदन दाखिल नहीं किया है, हमारी पार्टी में ऐसी संस्कृति नहीं है।’’
उन्होंने हाल में भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष के रूप में बी. वाई. विजयेंद्र की नियुक्ति का जिक्र किया और कहा, ‘‘आप जानते हैं कि उस नियुक्ति की घोषणा कैसे की गई थी, इसी तरह विपक्ष के नेता का पद भी एक महत्वपूर्ण पद है, क्योंकि किसी को पार्टी के अंदर और बाहर पार्टी का नेतृत्व करना होता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कल केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में विधायक दल की बैठक में नेता की घोषणा की जायेगी।’’
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भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पिछले सप्ताह वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र की नियुक्ति की घोषणा की थी।
अशोक ने कहा कि कोई भी नेता बने, किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि वह इस तथ्य से अवगत हैं कि उनका नाम भी चर्चा में है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे सहित चार से पांच उम्मीदवार हैं। हमारा एकमात्र उद्देश्य यह है कि नरेन्द्र मोदी एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनें, इसलिए बिना किसी भ्रम या बाधा के नये नेता को चुना जाएगा। मैंने कल (वी) सुनील कुमार, (सी एन) अश्वत्थ नारायण से बात की थी। नेता कोई भी बने, किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी। पार्टी बड़ी होती है और मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बनें, यही हमारा उद्देश्य है।’’
राज्य में प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने अभी तक अपने विधायक दल के नेता की नियुक्ति नहीं की है, जो विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका भी निभायेंगे।
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जुलाई में पिछला विधानसभा सत्र विपक्ष के नेता के बिना आयोजित किया गया था।
कर्नाटक विधानसभा की 224 सीट के लिए इस साल मई में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त जीत के साथ भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया था। कांग्रेस ने 135 सीट, भाजपा ने 66 और जनता दल (सेक्युलर) ने 19 सीट पर जीत दर्ज की थी।